फैटी लिवर को कम करने के लिए इस तरह करे उपाय..
अपनी व्यस्त जीवनशैली के कारण हम अक्सर ही अपनी सेहत का ख्याल रखना भूल जाते हैं. ऐसे में कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हमें घेरने लगती हैं और इन्हीं में से एक है फैटी लिवर की दिक्कत. फैटी लिवर को लेकर अक्सर कहा जाता है कि यह एल्कोहल के सेवन से ही होता है लेकिन फैटी लिवर खराब खानपान के कारण भी हो सकता है. एल्कोहल इंड्यूस्ड फैटी लिवर और नॉन एल्कोहोलिक फैटी लिवर 2 प्रमुख प्रकार हैं. वर्तमान में मोटापे से परेशान और बहुत देर तक बैठकर काम करने वाले लोगों में फैटी लिवर के बढ़ते मामले देखे जा रहे हैं. ऐसे में किस तरह इस दिक्कत को कम किया जा सकता है और खानपान कैसा होना चाहिए यहां जानिए.
फैटी लिवर को कम करने के लिए आमतौर पर लो फैट डाइट ली जाती है जिसमें हाई फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स और प्रोटीन भी हो. खानपान सही होने पर फैटी लिवर की दिक्कत कम होना शुरू हो जाती है. साथ ही, बढ़ता वजन नॉन एल्कोहोलिक फैटी लिवर की बड़ी वजह है. ऐसे में अपने वजन पर ध्यान देना भी जरूरी है.
हेल्दी वेट मेंटेन करने के लिए ओट्स खाए जा सकते हैं. ओटमील में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है और इसमें लो फैट भी होता है. साथ ही, यह एक अच्छा कोंप्लेक्स ब्रेकफास्ट अल्टर्नेटिव है.
खानपान में हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल करने पर कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से दूर रहा जा सकता है. फैटी लिवर में भी हरी सब्जियों का सेवन अच्छा रहता है. हरी सब्जियों में मौजूद क्लोरोफिल लिवर साफ करने वाला माना जाता है.
फैटी लिवर में सैचुरेटेड फैट्स से दूर रहना जरूरी होता है, खासकर उनसे जो लाल मीट और मक्खन में पाया जाता है. ऐसे में अनसैचुरेटेड फैट्स वाला ऑलिव ऑयल (Olive Oil) खानपान का हिस्सा बनाया जा सकता है.
फैटी लिवर में शराब या किसी भी तरह के मादक पदार्थ से दूर रहना जरूरी है. खासकर एल्कोहल का सेवन लिवर को और ज्यादा डैमेज कर देता है.
एक्सेस वेट को कंट्रोल करने की कोशिश करें. खानपान में उन चीजों को शामिल करें जो वजन घटाने में मदद कर सकती हैं.
फैटी लिवर में प्रोसेस्ड फूड्स या डिब्बाबंद चीजों के सेवन से परहेज करें. बिस्कुट, चिप्स और केक वगैरह जितना कम खाएंगे उतना अच्छा है.
शुगर इंटेक पर ध्यान देना भी जरूरी है. अगर आपका शुगर इंटेक जरूरत से ज्यादा है तो इसका लिवर पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है.