पत्रकारिता और भारतीय जनमानस…

भारत एक विशाल देश है जहां की जनसंख्या विश्व में दूसरे नंबर पर आती है और यह विविधताओं से भरा हुआ देश भी है । अलग-अलग संस्कृति के लोग यहां रहते हैं नित प्रतिदिन इस विशाल जनसमूह के देश में घटनाएं घटती रहती हैं , कही त्योहारो की धूम है तो कहीं वैचारिक मतभेद से विवाद उठ खड़ा होता है । हम अपने घरों में बैठे दूरदर्शन, रेडियो और समाचार पत्रों जैसे संचार साधनों से इन घटनाओं से अवगत होते हैं । इन संचार साधनो की मेरूदंड पत्रकारिता होती है। समाचार पत्र , रेडियो तथा दूरदर्शन पत्रकारिता की वजह से जनता मे अपनी उपयोगिता बनाए हुए है इसलिए आज यह हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन चुके हैं । सुबह होते ही हम समाचार पत्रों की ओर हाथ बढाते हैं , क्योंकि हम जानना चाहते है कि देश दुनिया में क्या हो रहा है पत्रकारिता ने हमें जागरूक बनाया है ।
पत्रकार बंधुओं के ईमानदार प्रयास का परिणाम है कि जनता केंद्र तथा राज्य सरकार के कार्यों को जान और समझ पाती है भारतीय जनमानस पत्रकारिता का ऋणी है जो हमेशा जनता को सच का सामना करवाती आई है ।

लेखक : रचना रश्मि
असिस्टेंट प्रोफेसर,श्रीनाथ यूनिवर्सिटी जमशेदपुर,झारखंड

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *