कब मनाया जाएगा मदर्स डे, कैसे हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत?
हर साल मई के महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। इस साल मदर्स डे 14 मई को मनाया जाएगा। ये दिन मां को समर्पित होता है। एक मां अपने बच्चों की परवरिश करने के साथ उसमें संस्कार पिरोने का काम करती है, उसके उज्जवल भविष्य के लिए दिन-रात मेहनत करती है।
मां के इस समर्पण और त्याग को सम्मान देने के लिए हर साल मदर्स डे मनाया जाता है। इस दिन को मां के लिए खास बनाने के लिए बच्चे कई दिन पहले से तैयारियां करना शुरू कर देते हैं। मदर्स डे को मनाने की शुरुआत कैसे हुई और इसे मई के दूसरे रविवार को ही क्यों मनाया जाता है।
कैसे हुई मदर्स डे को मनाने की शुरुआत
मदर्स डे को मनाने की शुरुआत अमेरिका में की गई थी। एना जॉर्विस नाम की एक अमेरिकन महिला अपनी मां से बहुत प्यार करती थीं। मां की देखभाल करने के लिए उन्होंने खुद शादी नहीं की थी। लेकिन जब उनकी मां की मृत्यु हो गई तो एना अपनी मां को बहुत याद करती थीं।
एना ये अक्सर सोचती थीं कि मां अपने बच्चों के लिए जीवनभर कितना कुछ करती है, लेकिन उसके त्याग और समर्पण की सराहना तक नहीं की जाती। ऐसे में कोई एक दिन तो इस तरह का होना चाहिए जिस दिन बच्चे अपनी मां के निस्वार्थ प्रेम, त्याग और समर्पण के लिए उन्हें शुक्रिया कह सकें। एना की मां की मौत मई में हुई थी, इसलिए एना ने अपनी मां की पुण्यतिथि के दिन को मदर्स डे के तौर पर मनाना शुरू कर दिया।
क्यों मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है मदर्स डे
मां की मौत के बाद एना ने अपनी पूरी जिंदगी दूसरों की सेवा में लगा दी। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान एना ने घायल अमेरिकी सैनिकों की सेवा भी एक मां की तरह की। उनकी सेवा भावना को सम्मान देने के लिए अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने एना के सम्मान में लॉ पास किया और मदर्स डे मनाने के लिए प्रत्यक्ष रूप से स्वीकृति दे दी। अमेरिकी संसद में कानून पास कर इस दिन को मई महीने के दूसरे रविवार को मनाने का ऐलान कर दिया गया और 9 मई 1914 को औपचारिक रूप से पहला मदर्स डे मनाया गया। तब से हर साल ये दिन मई के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। पहले ये दिन केवल अमेरिका में सेलिब्रेट होता था, लेकिन अब यूरोप, भारत आदि कई अन्य देशों में भी मनाया जाने लगा।