08 अप्रैल शनिवार का राशिफल एवम पंचांग
मेष राशि: आज आपका दिन सामान्य रहेगा । पूर्व नियोजित यात्रा को टालना पड़ सकता है। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। आज आपको अपने खर्च पर संतुलन बनाना होगा, आय की तुलना में खर्च अधिक हो सकता है, तनाव और उलझन की स्थिति मत बनने दें । घर गृहस्थी के उपयोग की कोई प्रिय वस्तु खरीदी जा सकती है । नींद भरपूर आएगी। स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।
वृषभ 🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी , वु , वे, वो)
मनोरंजन के साधन बनेंगे ।आज किस्मत का साथ मिलेगा। मेहनत के अनुपात में दोगुना लाभ प्राप्त कर सकेंगे। अपना व्यवहार सहयोगात्मक रखें, इससे लोगों से भी सहयोग प्राप्त कर सकेंगे। आज कार्यक्षेत्र में अधिकारी से या व्यवसाय क्षेत्र में व्यापारी से अनबन हो सकती है। अनजान से व्यवहार न करें।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज कार्य की व्यस्तता रहेगी, धर्म-कर्म में रुचि बढ़ेगी और नई तकनीक की जानकारी के प्रति आपका रुझान बढ़ेगा। कुल मिलाकर आज का दिन मिश्रित फलदायी रहेगा। आय-व्यय की स्थिति भी संतुलित रहेगी। नौकरी पेशा वर्ग को उन्नति मिल सकती है। संतुष्ट रहें।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
भाग्य का भरपूर साथ मिलेगा। सावधानीपूर्वक एवं सोच-विचार करके ही काम करें, लाभ मिलेगा। आज अपने अधूरे कार्यों को पूरा करने का प्रयास करें, सफलता मिलेगी। जीवनसाथी एवं व्यापार में साझीदारों का सहयोग मिलेगा। मनोरंजन के भरपूर योग हैं। स्वास्थ्य लाम मिलेगा।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
साझेदारी में किया व्यापार फायदा पहुंचाएगा। आज का दिन लाभकारक रहेगा। जीवनसाथी का सहयोग करने में सफलता मिलेगी। अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखकर कोई भी निर्णय लें, भावुकता में लिए गए निर्णय से नुकसान की संभावना है। मनोरंजन के लिए भी समय निकालें। स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज आपके विरोधी परास्त होंगे। प्रिय व्यक्ति से मुलाकात एवं उनकी उपस्थिति आपको प्रसन्न रखेगी। कारोबार में लाभ की स्थिति रहेगी। कहीं से पैसा लेना हो तो आज प्रयास कीजिए। सफलता मिलेगी। नए प्रोजेक्ट पर भी कुछ काम शुरू हो सकता है।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आपकी योग्यता और कार्यक्षमता की तारीफ होगी। आपके सहकर्मी आपसे सीख लेंगे, परिवार मे रिश्तेदारों का आना-जाना लगा रहेगा। आज का दिन महत्वाकांक्षी प्रकृति वालों के लिए शुभ फलदायक रहेगा। जीवनसाथी का सहयोग व सान्निध्य मिलेगा।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
बीते दिनों की बेचैनी आज शांत हो जाएगी, मन में आंतरिक शांति का अनुभव होगा, अतिरिक्त आय के नए साधन नजर आएंगे। आज आपका आधा दिन परोपकार करने में बीतेगा। दूसरों की सहायता करने से आत्मसंतुष्टि प्राप्त होगी।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
खुशी बरकरार रहे इसके लिए सावधान होकर कोई भी काम करें। किसी से वाद-विवाद में न पड़ें, आज क्रोध व वाणी पर नियंत्रण रखना आवश्यक है। जीवनसाथी एवं व्यापार में साझीदारों का सहयोग मिलेगा। आपके खर्चे कम हो जाने से आपकी अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी। अच्छे वाहन का सुख प्राप्त होगा।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
धार्मिक कार्यो का अवसर प्राप्त होगा । नवीन कार्य के सिलसिले में यात्रा कर सकते हैं। आर्थिक स्थिति मजबूत रहेगी। पराक्रम एवं आत्मविश्वास में वृद्धि का योग है। घर में पत्नी या किसी संतान की अचानक तबीयत खराब होने से टेंशन हो सकती है।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
रोजगार के योग बनेंगे। आज ग्रहों की चाल से आपको लाभ का मौका मिल रहा है। दिन की शुरुआत धन लाभ से होगी, बड़ी मात्रा में रुपया हाथ में आने से संतोष होगा। आज आप चिंतामुक्त होकर कार्यक्षेत्र में सक्रिय रहेंगे। पारिवारिक जीवन में सुख और संतोष बना रहेगा। मन में आंतरिक शांति का अनुभव होगा। जीवनसाथी एवं व्यापार में साझीदारों का सहयोग मिलेगा।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
मन उपलब्धि पाकर खुश महसूस करेगा ।लंबे समय से चली आ रही उलझन से छुटकारा मिलेगा। आलस्य छोड़कर कार्य में जुटे रहें, अनावश्यक खर्च से बचें। आर्थिक मसलों में सोच-समझ कर किए गए निवेश अत्यधिक फायदा दे सकते हैं। नौकरी और व्यवसाय में स्थिति आपके अनुकूल रहेगी।
🌞 ll~ वैदिक पंचांग ~ ll🌞
🌤️ दिनांक – 08 अप्रैल 2023
🌤️ दिन -शनिवार
🌤️ विक्रम संवत – 2080
🌤️ शक संवत -1945
🌤️ अयन – उत्तरायण
🌤️ ऋतु – वसंत ॠतु
🌤️ मास – वैशाख
🌤️ पक्ष – कृष्ण
🌤️ तिथि – द्वितीया सुबह 10:10 तक तत्पश्चात तृतीया
🌤️ नक्षत्र – स्वाती दोपहर 01:59 तक तत्पश्चात विशाखा
🌤️योग – वज्र रात्रि 11:59 तक तत्पश्चात सिद्धि
🌤️ राहुकाल- सुबह 09:33 से सुबह 11:07 तक
🌞 सूर्योदय-05:47
🌤️ सूर्यास्त- 05:54
👉 दिशाशूल- पूर्व दिशा में
🚩 *व्रत पर्व विवरण –
🔥 *विशेष – द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 ब्रह्म पुराण’ के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- ‘मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।’ (ब्रह्म पुराण’)
💥 शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय।’ का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण’)
💥 हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)
👉🏻 06 अप्रैल को चंद्रमा को इस प्रकार अर्घ्य दे कष्टो से छुटकारा मिलेगा | ⤵️
🌷 विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए 🌷
👉 09 अप्रैल 2023 रविवार को संकष्ट चतुर्थी (चन्द्रोदय रात्रि 10:08)
🙏🏻 शिव पुराण में आता हैं कि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :
🌷 ॐ गं गणपते नमः ।
🌷 ॐ सोमाय नमः ।
🌷 चतुर्थी तिथि विशेष 🌷
🙏🏻 चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेशजी हैं।
📆 हिन्दू कैलेण्डर में प्रत्येक मास में दो चतुर्थी होती हैं।
🙏🏻 पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्ट चतुर्थी कहते हैं।अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं।
🙏🏻 शिवपुराण के अनुसार “महागणपतेः पूजा चतुर्थ्यां कृष्णपक्षके। पक्षपापक्षयकरी पक्षभोगफलप्रदा ॥
➡ “ अर्थात प्रत्येक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को की हुई महागणपति की पूजा एक पक्ष के पापों का नाश करनेवाली और एक पक्षतक उत्तम भोगरूपी फल देनेवाली होती है ।
🌷 कोई कष्ट हो तो 🌷
🙏🏻 हमारे जीवन में बहुत समस्याएँ आती रहती हैं, मिटती नहीं हैं ।, कभी कोई कष्ट, कभी कोई समस्या | ऐसे लोग शिवपुराण में बताया हुआ एक प्रयोग कर सकते हैं कि, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी (मतलब पुर्णिमा के बाद की चतुर्थी ) आती है | उस दिन सुबह छः मंत्र बोलते हुये गणपतिजी को प्रणाम करें कि हमारे घर में ये बार-बार कष्ट और समस्याएं आ रही हैं वो नष्ट हों |
👉🏻 छः मंत्र इस प्रकार हैं –
🌷 ॐ सुमुखाय नम: : सुंदर मुख वाले; हमारे मुख पर भी सच्ची भक्ति प्रदान सुंदरता रहे ।
🌷 ॐ दुर्मुखाय नम: : मतलब भक्त को जब कोई आसुरी प्रवृत्ति वाला सताता है तो… भैरव देख दुष्ट घबराये ।
🌷 ॐ मोदाय नम: : मुदित रहने वाले, प्रसन्न रहने वाले । उनका सुमिरन करने वाले भी प्रसन्न हो जायें ।
🌷 ॐ प्रमोदाय नम: : प्रमोदाय; दूसरों को भी आनंदित करते हैं । भक्त भी प्रमोदी होता है और अभक्त प्रमादी होता है, आलसी । आलसी आदमी को लक्ष्मी छोड़ कर चली जाती है । और जो प्रमादी न हो, लक्ष्मी स्थायी होती है ।
🌷 ॐ अविघ्नाय नम:
🌷 ॐ विघ्नकरत्र्येय नम: