राष्ट्रपति ने बांटे पद्म अलंकरण, बिहार के आनंद कुमार पद्म श्री से सम्मानित
नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज बुधवार को राष्ट्रपति भवन में सुपर-30 के
संस्थापक बिहार के आनंद कुमार समेत गण मान्य हस्तियों को पद्म सम्मानों से नवाजा। हर साल की तरह इस साल भी गणतंत्र दिवस 2023 के मौके पर पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है, लेकिन पुरस्कार समारोह का आयोजन एक राष्ट्रपति भवन में किया गया है। पद्म श्री मिलने के बाद बिहार के आनंद कुमार ने कहा कि मेरा प्रयास रहेगा कि पैसों के अभाव में नहीं किसी बच्चे की पढ़ाई न छूट पाए।
राष्ट्रपति ने तीन श्रेणियों में पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री में सम्मान प्रदान किया। यह पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामलों, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य-शिक्षा, खेल और सिविल सेवा जैसे विभिन्न विषयों और गतिविधियों के क्षेत्रों में पुरस्कार दिए जा रहे हैं।
इस वर्ष राष्ट्रपति ने 106 पद्म पुरस्कार प्रदान करने की मंजूरी दी, जिसमें तीन युगल मामले शामिल हैं। सूची में छह पद्म विभूषण, नौ पद्म भूषण और 91 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं। पुरस्कार पाने वालों में 19 महिलाएं शामिल हैं। सूची में विदेशियों/एनआरआई/पीआईओ/ओसीआई की श्रेणी के 2 व्यक्ति और सात मरणोपरांत पुरस्कार पाने वाले भी शामिल हैं।
बता दें कि असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया जाता है। छह पद्म विभूषण पुरस्कारों में से तीन मरणोपरांत थे। जिसमें बालकृष्ण दोशी (वास्तुकला), मुलायम सिंह यादव (सार्वजनिक मामले) और दिलीप महालनाबिस (चिकित्सा) शामिल हैं। वहीं अन्य पद्म विभूषण प्राप्तकर्ता जाकिर हुसैन (कला), एसएम कृष्णा (सार्वजनिक मामले) और श्रीनिवास वर्धन (विज्ञान और इंजीनियरिंग) थे।
पुरस्कार के बाद जिम्मेदारी बढ़ी : आनंद कुमार
पद्मश्री सम्मान प्राप्त सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने सरकार का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा कि मैं देशवासियों और भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं। मैंने इसके बारे में सबसे पहले अपनी मां को बताया। मुझे कल दोपहर में इसकी जानकारी मिली। इस सूचना के बाद मुझे दुनियाभर से बच्चों ने फोन कर बधाई दी। आनंद कुमार ने कहा कि इस पुरस्कार के बाद जिम्मेदारी बढ़ी है। हम दूसरे राज्यों के छात्रों को शामिल करने के लिए सुपर 30 कार्यक्रम का और विस्तार करना चाहते हैं और साल के अंत तक ऑनलाइन शिक्षा भी शुरू करना चाहता हूं।
इससे पहले आनंद कुमार ने ट्वीट के जरिए बताया था कि भारत सरकार ने मुझे पद्मश्री सम्मान से सम्मानित करने की घोषणा की, विशेष आभार आपने मुझे इस सम्मान के लायक समझा। साथ ही उन तमाम लोगों का सहृदय धन्यवाद जिन्होंने कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी मेरा साथ नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा था कि मुझे लगा कि आसमान से मेरे पिताजी स्वर्गीय राजेंद्र प्रसाद मुस्कुराते हुए मुझे देख रहें हैं और कह रहे हों कि बेटा तू अभी और आगे बढ़ मंजिल तो अभी बहुत ही दूर है और अपने अंतिम सांस तक कुछ ऐसा प्रयास कर ताकि किसी भी बच्चे की पढाई पैसे के अभाव में नहीं छूटे।