कृषि के साथ – साथ पशुपालन के क्षेत्र में बेहतर प्रयासों से जीवन स्तर में आएगा सकारात्मक परिवर्तन : उपायुक्त
खूंटी; नगर भवन में गुरुवार को NADCP योजनान्तर्गत FMD टीकाकरण के लिए JSLPS के आजीविका पशु सखियों के तीन दिवसीय आवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले भर की आजीविका पशु सखियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ उपायुक्त, उप विकास आयुक्त, जिला पशुपालन पदाधिकारी, DPM, JSLPS एवं आजीविका पशु सखी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपायुक्त शशि रंजन ने आजीविका पशु सखियों को संबोधित करते हुए कहा गया कि पशुओं के टीकाकरण एवं पशुपालन से संबंधित योजनाओं की सफल संचालन में आजीविका पशु सखियों की अहम भूमिका है। उन्हें पूरी सक्रियता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक पशु सखी प्रत्येक दिन कम से कम 50 – 60 मवेशियों का टीकाकरण करें। घर – घर जाकर पशु टीकाकरण के साथ – साथ लोगों को पशुपालन से जुड़े महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के संबंध में जागरूक करें।
उपायुक्त ने कहा कि प्रशिक्षण का उद्देश्य है कि आजीविका पशु सखियों को बड़े मवेशियों के टीकाकरण एवं पशु रोग व इसके बचाव के संबंध में प्रशिक्षित कर उनका क्षमता वर्धन सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि धरातल पर इसकी सफलता पशु सखियों पर निर्भर करती है। उन्हें पूरी प्रक्रिया से अवगत कराया जाय ताकि उन्हें पंजीकरण, टीकाकरण, एंट्री एवं योजनाओं के संबंध में जागरूकता को लेकर पूर्ण रूप से प्रशिक्षण प्राप्त हो सके। आजीविका पशु सखी प्रशिक्षण प्राप्त कर ग्रामीणों को उचित रूप से जागरूक कर सकती हैं। इसके साथ ही उपायुक्त ने उन्हें चाराबंदी के संबंध में भी विशेष रूप से जागरूक किया। उन्होंने कहा कि जिन आजीविका पशु सखियों के द्वारा बेहतर कार्य किया जाएगा उन्हें आगामी 15 अगस्त को जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा। साथ ही इनमें से चयनित पशु सखियों को राज्य स्तर पर भी प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा।
इसी क्रम में उप विकास आयुक्त ने कहा कि आजीविका पशु सखियों का प्रशिक्षण के माध्यम से क्षमता वर्धन किया जा रहा है। प्रत्येक ग्राम में अब पशुपालकों को टीकाकरण के संबंध में जागरूक करने की आवश्यकता है। साथ ही उन्हें योजनाओं को लेकर जागरूक करें। जिले में पशुपालन को बढ़ावा देने की दिशा में भी सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें हर स्तर पर सक्रियता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है ।
प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनरों द्वारा बताया गया कि FMD टीकाकरण का उदेश्य खूंटी जिले से (खुराहा चापका रोग) Foot & Mouth Disease को समाप्त करना है, यह रोग पशुओं की कार्य क्षमता को कम कर देता है। जानवर कमजोर हो जाते हैं। यह बीमारी गाय, भैंस, बकरी एवं सूकर आदि पशुओं में विषाणु से होते है। यह एक संक्रामण रोग एवं छूत की बीमारी है। पशुओं को इस बीमारी से बचाने के लिये वर्ष में दो बार (6 माह के अन्तराल पर) FMD का टीका लगवाना चाहिए।
मौके पर जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि आजीविका पशु सखी अपने संबंधित क्षेत्र में किसानों को मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के संबंध में जागरूक करें इस योजना का उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देते हुए दूध, मांस, अंडा के उत्पादन में वृद्धि लाकर किसानों को आत्मनिर्भर बनाना है। ग्रामीण क्षेत्र से स्वरोजगार तथा अतिरिक्त घरेलू आमदनी का सृजन करना एवं ग्रामीण पशुपालकों की आय को दोगुना करना है। योजना के तहत पशुधन के लिए रोड निर्माण में भी सहायता का प्रावधान है। मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत किसानों को राज्य सरकार की ओर से 50% से लेकर 90% तक सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा।
पशुपालन प्रक्षेत्र की योजनाओं में बकरा विकास योजना, सुकर विकास योजना, बैकयार्ड लेयर कुक्कुट, बॉयलर कुक्कुट, बत्तख चूजा वितरण के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण के दौरान राष्ट्रीय पशुरोग नियंत्रण कार्यक्रम के संबंध में जानकारी दी गई एवं बताया गया कि टीकाकरण से पूर्व गौ जाति एवं भैंस जाति के पशुओं को टैगिंग कराना अनिवार्य है।
प्रशिक्षण के दौरान एफ. एम. डी (खुरहा – मुंहपका) रोग एवं लंपि स्किन रोग के कारण, लक्षण तथा इसके बचाव व इलाज को लेकर भी आजीविका सखियों को बिदुवार पी.पी.टी प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी गई।