कलाकारों को बढ़ाने में उपेंद्र महारथी संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका: मैथिली ठाकुर
पटना बिहार का हस्तशिल्प पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। हस्तशिल्प का उत्पाद काफी आकर्षक और खूबसूरत है। ये बातें बिहार की सुप्रसिद्ध लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के भ्रमण के दौरान कही। हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम और खादी की ब्रांड एम्बेसडर प्रसिद्ध लोकगायिका का आगमन उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान में हुआ जहाँ उनका स्वागत जूट से बने गुलदस्ते से किया गया जिसे उन्होंने बहुत पसंद किया।
मैथिली ठाकुर ने पूरे संस्थान का भ्रमण करते हुए हैंडीक्राफ्ट म्यूजियम को देखा जहां मैथिली ने बिहार के हस्तशिल्प को जाना और विभिन्न कलाकृतियों को देखा। दशकों पुराने आभूषणों को देखकर मैथिली काफी खुश हुई और कहा कि बचपन से इनके बारे में सिर्फ सुना था पर आज इसे देखने और पहनने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आभूषण का निर्माण भी होनी चाहिए ताकि आज के इस फैशन में युवा इसे न सिर्फ जानें बल्कि इसे पहनें।
लोकगायिका ने संस्थान में चल रहे हस्तशिल्प प्रशिक्षण को भी देखा जहाँ उन्होंने प्रशिक्षक और प्रशिक्षुओं से बात की। मधुबनी पेंटिंग का क्लास रूम में बैठकर मैथिली ठाकुर ने अपने हाथों से एक खूबसूरत पेंटिंग भी बनाया।
इसके बाद उन्होंने कुछ लोकगीत भी गुनगुनाये। बिहार के हस्तशिल्प और सामानों को बढ़ावा देने और प्रचार-प्रसार करने के लिए मैथिली द्वारा संस्थान में फोटोशूट कराया गया जहाँ उन्होंने हस्तशिल्प के विभिन्न उत्पादों के साथ फोटोशूट कराया।
संस्थान का भ्रमण करने के बाद लोकगायिका ने कहा कि उपेंद्र महारथी संस्थान आकर बहुत अच्छा लगा। संस्थान बिहार के हस्तशिल्प को बढ़ावा देने और कलाकारों के लिए बहुत अच्छे तरीके से काम कर रहा है।