अधिवक्ता प्रतिक्रिया देने वाले नहीं करने वाले बने:सुदेश कुमार महतो
रांची:राज्य गठन के इक्कीस वर्ष बाद भी संपदाओं से भरे पूरे प्रदेश की आधी आबादी को सिर्फ जीने का अधिकार है, वे सिर्फ पेट पालने के लिए जिंदगी जी रहें। पढ़ाई, स्वास्थ्य और न्याय ये तीन चीजें आम आदमी से दूर होते जा रहे हैं। आम आदमी से न्याय इतना दूर चला जाता है कि समझौता की एकमात्र उपाय बचाता है। यह चिंतन का विषय है। सामाजिक नेतृत्वकर्ताओं को तैयार करने की बड़ी जिम्मेदारी हम सभी पर है। ऐसे सामाजिक नेताओं को हमें तैयार करना है, जो इस राज्य के सपनों, संभावनाओं और भावनाओं को समेटकर चलने में सक्षम हों।
अखिल झारखण्ड अधिवक्ता संघ आजसू पार्टी की सिर्फ सहयोगी इकाई मात्र नहीं, बल्कि पार्टी का सबसे दायित्वान एवं मूल्यवान अंग है। अधिवक्ता विषयों को तार्किक, बौद्धिक एवं वैचारिक रुप से पब्लिक डोमेन में रखने में सक्षम हैं, अतः उनकी जिम्मेदारियां भी बड़ी हैं।
उक्त बातें झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष श्री सुदेश कुमार महतो ने बड़गाई, बरियातू स्थित रीताश्री बैंक्वेट हॉल में आयोजित अखिल झारखण्ड अधिवक्ता संघ के राज्यस्तरीय अधिवेशन के दौरान कही।
आपकी योजना-आपकी सरकार-आपके द्वार कार्यक्रम को लेकर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गांव की सरकार की अवधारणा को अखबार के पन्नों तक सिमटा दिया, उसे प्रचार समारोह बना दिया। यह सरकार की संकुचित मानसिकता को दर्शाता है।
राज्यस्तरीय अधिवेशन में उपस्थित सभी अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अखिल झारखण्ड अधिवक्ता संघ समाज की अच्छी-बुरी चीजों पर प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि क्रिया करने वाले लोगों को मंच देने का कार्य करेगी। कानूनी रुप से परिपक्व एवं सक्षम नेताओं को समाज की जरुरत है, यही मौजूदा समय की भी मांग है। उन्होंने सभी अधिवक्ताओं से आग्रह करते हुए कहा कि आत्मसंतुष्टि के लिए कार्य करें, शोषितों-पीड़ितों और आर्थिक रुप से अक्षम लोगों को न्यायिक विषयों एवं न्यायिक प्रक्रिया में मदद करें। कहा कि जबतक जिम्मेदार लोग आगे आकर नेतृत्व नहीं करेंगे तबतक राज्य का कायाकल्प संभव नहीं है।
मौके पर अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए गोमिया के विधायक डॉ. लंबोदर महतो ने कहा कि पूरे देश में लगभग चार करोड़ से अधिक केस पेंडिग है। 1 लाख 82 हजार केस ऐसे हैं, जो तीस सालों से लंबित हैं। ज्यूडिशियल रिफॉर्म समय की मांग है तथा सजग लोगों को इसपर विचार करने की आवश्यकता है।
न्यायिक प्रणाली का लंबा अनुभव रखने वाले पूर्व न्यायाधीश तथा राज्यस्तरीय अधिवेशन के विशिष्ट अतिथि श्री संतोष कुमार अग्निहोत्री ने अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि अधिवक्ताओं के ऊपर समाज को निरंतर सेवा प्रदान करने की बड़ी जिम्मेदारी है तथा आमजनमानस की संभावनाओं को हकीकत में बदलने की चुनौती भी है।
• अधिवेशन में कई राजनीतिक प्रस्ताव हुए पारित –
अखिल झारखण्ड अधिवक्ता संघ के राज्यस्तरीय अधिवेशन के दौरान सर्वसम्मति से कई प्रस्ताव पारित किए गए जिसमें झारखंड सरकार अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम (Advocate Protection Act) को अविलंब लागू करने, कोर्ट फीस संशोधन अधिनियम -2021 (झारखंड सरकार) को वापस लेने, राज्य के न्यायालय में कार्यरत सभी अधिवक्ताओं का स्वास्थ्य बीमा (हेल्थ इंश्योरेंस) तथा ग्रुप बीमा सुनिश्चित करने, अधिवक्ताओं के मृत्यु उपरांत (डेथ क्लेम) के मद में कम से कम दस लाख रुपए देने की व्यवस्था सुनिश्चित करने, प्रत्येक जिला में अधिवक्ता क्लब की स्थापना, ग्रामीणों को मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध कराने हेतु पंचायत स्तर पर कानूनी सलाहकार के रुप में अधिवक्ताओं की नियुक्ति, जिला एवं अनुमंडल न्यायालयों में सीआरपीसी की धारा 24 के अनुरुप संबंधित न्यायालय में कार्यरत अधिवक्ताओं को प्रत्येक कोर्ट में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर/लोक अभियोजक की बहाली सुनिश्चित करने, राज्य के सभी टोल प्लाजा में अधिवक्ताओं के हर प्रकार के निजी वाहन के मुफ्त आवागमन की व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा अधिवक्ता कल्याण के लिए निर्धारित ट्रस्टी फंड में राज्य सरकार द्वारा अपने अंशदान में वृद्धि करने की बात मुख्य रूप से शामिल है।
राज्यस्तरीय अधिवेशन में मुख्य रुप से आजसू पार्टी के वरीय उपाध्यक्ष एवं गिरिडीह सांसद श्री चंद्र प्रकाश चौधरी, केंद्रीय महासचिव एवं गोमिया विधायक डॉ लंबोदर महतो, मुख्य केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत, केंद्रीय उपाध्यक्ष हसन अंसारी, केंद्रीय महासचिव राजेंद्र मेहता उपस्थित रहें।
विशिष्ट अतिथि के रुप में दिनेश चौधरी हाई कोर्ट, संतोष कुमार अग्निहोत्री, पूर्व न्यायाधीश, प्रदीप कुमार, झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता तथा पंकज श्रीवास्तव उपस्थित रहें। साथ ही प्रदीप कुमार हाई कोर्ट, कामेश्वर मिश्र तेनुघाट बार अध्यक्ष, जे पी महतो रांची, मिथलेश कुमार हाई कोर्ट, दिनेश चौधरी, गोपेश्वर सिंह हाई कोर्ट, राधेश्याम गोस्वामी धनबाद, रेखा वर्मा हाई कोर्ट, प्रीति प्रिया रामघर, ज्योति कुमारी, सुनील महतो जमशेदपुर, धनेश्वर महतो धनबाद, वकील महतो तेनुघाट, अर्जुन महतो चतरा, मुनेश्वर महतो, राजेंद्र महतो, जिशान अंसारी, आर्यन कुमार, रवि कुमार, महेश्वर महतो रांची, मृत्यंजय प्रसाद रांची, निरंजन राम रांची, आनंद राम महतो इत्यादि अधिवक्ता भी अधिवेशन में उपस्थित रहें।