अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आईसेक्ट विश्वविद्यालय ने किया वेबीनार
हजारीबाग : आईसेक्ट विश्वविद्यालय, हजारीबाग के समाज कार्य विभाग की ओर से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर वर्तमान समय में महिला सशक्तिकरण के समक्ष चुनौतियां विषय को लेकर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने बताया कि महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा, महाराष्ट्र के स्त्री अध्ययन विभाग के सहायक प्राध्यापक शरद जायसवाल व रांची विश्वविद्यालय, रांची की पूर्व प्रोफेसर व सामाजिक कार्यकर्ता डॉ रेनू दिवान इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद थे, जिनकी बातों से लोग काफी मुतास्सिर हुए। डॉ गोविंद ने कहा कि आधी आबादी के सशक्त होने से केवल समाज ही नहीं बल्कि देश भी तरक्की की राह पर अग्रसर होगा। वेबिनार के दौरान मुख्य वक्ता शरद जायसवाल ने 1789 में फ्रांस की क्रांति का जिक्र करते हुए कहा कि यूरोप में महिलाओं के अधिकार को लेकर एक महत्वपूर्ण दस्तावेज तैयार किया गया जिसका शीर्षक था डिक्लेरेशन ऑफ द राइट ऑफ़ मैन एंड सिटीजन जो पूरे मानव सभ्यता को समानता का दर्ज दर्जा देने की बात करता है। भारतीय संविधान का जिक्र करते हुए रेणु दीवान कहती है कि संविधान में पुरुषों के समान महिलाओं को बहुत से अधिकार दिए हैं लेकिन विडंबना यही है कि वह सब कागजों तक ही सीमित है अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का जिक्र करते हुए वे आगे कहती हैं कि जितना पुरुषों को अधिकार दिया जाता है उतना महिलाओं को नहीं दिया जाता लेकिन क्या वास्तव में ऐसा होता है महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों के साथ-साथ उनका मनोवैज्ञानिक विकास बहुत जरूरी है।
एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के मंच का संचालन, समाज कार्य विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर, नरेश गौतम ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के सहायक प्रोफेसर, डॉ ललित कुमार ने किया।