झारखंड सहित एक दर्जन राज्यों में उत्पन्न हो सकता है गंभीर बिजली संकट, पोसोको ने बिजली कारोबार को प्रतिबंध करने की दी चेतावनी
19 अगस्त से बिजली वितरण के कारोबार में लग जाएगा प्रतिबंध
रांचीः झारखंड सहित एक दर्जन राज्यों पर गंभीर बिजली संकट उत्पन्न हो सकता है। इसकी वजह यह है कि इन राज्यों ने बिजली खरीद के एवज में भारी भरकम बकाए की राशि अब तक नहीं दी है। सार्जनिक क्षेत्र की पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरशन लिमिटेड (पोसोको) ने तीन बिजली बाजारों इंडियन एनर्जी एक्सचेंज, पावर एक्सचेंज ऑफ इंडिया और हिंदुस्तान पावर एक्सचेंज से 12 राज्यों की 27 बिजली वितरण कंपनियों के बिजली कारोबार को प्रतिबंधित करने को कहा है। इन वितरण कंपनियों पर बिजली उत्पादक कंपनियों का भारी-भरकम बकाया है। इन राज्यों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड शामिल हैं। बिजली मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला पोसोको देश में बिजली व्यवस्था के एकीकृत परिचालन का प्रबंधन करता है। उसने तीनों बिजली बाजारों को लिखे पत्र में कहा, 13 राज्यों में 27 वितरण कंपनियों के लिए बिजली बाजार के सभी उत्पादों की खरीद-बिक्री डिलीवरी 19 अगस्त, 2022 से अगली सूचना तक पूरी तरह से प्रतिबंधित होगी। इधर बिजली उत्पादक कपंनियों के बकाया भुगतान के लिए जेबीवीएनएल लोन लेनेवाला है. लोन अलग अलग बैंकों से लिया जायेगा. जिसके लिए विज्ञापन पहले ही जारी कर दिया गया है. अब जेबीवीएनएल ने बैंकों से मांगे एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट की तारीख को बढ़ा दिया है. जेबीवीएनएल की ओर से जारी सूचना के मुताबिक बैंक अब 25 अगस्त शाम पांच बजे तक निगम को प्रस्ताव दे सकते हैं. वहीं, साढ़े पांच बजे इसी दिन प्रस्ताव खोला जायेगा. निगम की ओर से इस संबंध में सूचना जारी कर दी गयी है. जानकारी हो कि केंद्रीय बिजली कंपनियों के बकाये का भुगतान करने के लिए सरकार ने बैंकों से छह हजार करोड़ का कर्ज लेने का फैसला लिया है. कर्ज भारत सरकार के इलेक्ट्रिसिटी रूल्स 2022 के तहत लिया जायेगा. बताते चलें कि झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम पर बिजली खरीद के एवज में 8000 करोड़ रुपए से भी अधिक का कर्ज है।