महाकाल में आंधी से सप्तऋषियों की 6 मूर्तियां गिरकर खंडित
उज्जैन : उज्जैन में तेज आंधी से महाकाल लोक कॉरिडोर में स्थापित कई मूर्तियां गिर कर टूट गईं। जिनमें सप्तऋषियों की 6 मूर्तियां मुख्य रूप से है। अभी पिछले साल अक्टूबर में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक कॉरिडोर परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया था। परियोजना की कुल लागत 856 करोड़ रुपये है, जिसमें पहले चरण 351 करोड़ रुपये में पूरा हुआ था। इस घटना को लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने एमपी की भाजपा सरकार को घेरा और कहा कि घटिया निर्माण करने वालों को जांच कर दंडित किया जाए।
रविवार शाम तूफानी हवाओं के चलने से महाकाल लोक में बनी सप्तऋषियों की मूर्तियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इनमें से कई मूर्तियां जमीन पर गिर गईं तो कई मूर्तियों के हाथ और सिर टूट गए। रविवार होने के चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल लोक पहुंचे हुए थे। हालांकि, किसी को चोट नहीं आई। 10 से 25 फीट ऊंची ये मूर्तियां लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक से बनी हैं। इन पर गुजरात की एमपी बाबरिया फर्म से जुड़े गुजरात, ओडिशा और राजस्थान के कलाकारों ने कारीगरी की है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण किया था। जिसके बाद देश-विदेश से लगातार श्रद्धालु महाकाल लोक को निहारने पहुंचते हैं। वहीं, रविवार की आंधी से महाकाल लोक निर्माण में हुए गुणवत्ताहीन निर्माण की पोल खुल गई। इसकी जानकारी मिलने के बाद डीएम कुमार पुरुषोत्तम मौके पर पहुंचे और मूर्तियों को पुनः स्थापित करने के निर्देश दिए।
इस संबंध में उज्जैन के डीएम कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि महाकाल लोक कॉरिडोर में कुल 160 मूर्तियां स्थापित हैं। उनमें से ‘सप्तऋषियों’ की 6 मूर्तियां, जो लगभग 10 फीट ऊंची थीं, तेज आंधी के कारण गिर गईं और क्षतिग्रस्त हो गईं। उन्होंने कहा कि ये क्षतिग्रस्त मूर्तियां महाकालेश्वर मंदिर के अंदर नहीं, इसके चारों ओर विकसित महाकाल लोक कॉरिडोर में स्थित थीं। कॉरिडोर की देखरेख का जिम्मा 5 साल तक इसको बनाने वाली कंपनी के पास ही है, इसलिए मूर्तियों को फिर से स्थापित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गुजरात की कंपनियां मूर्तियां बनाने और कॉरिडोर बनाने के काम में लगी हैं।
कांग्रेस ने परियोजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर सरकार को घेरा
इस घटना ने कांग्रेस को बीजेपी सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया है। कांग्रेस ने परियोजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है और निर्माण की गुणवत्ता की जांच की मांग उठाई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक ट्वीट में कहा कि मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था, तब इस बात की कल्पना नहीं की थी कि बाद की सरकार महाकाल लोक के निर्माण में भी गंभीर अनियमितता करेगी। आज जिस तरह से महाकाल लोक परिसर में आंधी चलने से देव प्रतिमाएं जमीन पर गिर गईं, वह दृश्य किसी भी धार्मिक व्यक्ति के लिए अत्यंत करुण दृश्य है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि महाकाल लोक में जो प्रतिमाएं गिरी हैं, वहां नई प्रतिमाएं तुरंत स्थापित की जाएं। साथ ही घटिया निर्माण करने वालों को जांच कर दंडित किया जाए।