शिवसेना का नाम व चुनाव चिह्न के लिए 2000 करोड़ की डील हुई : संजय राउत

मुंबई : शिवसेना का चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम छिनने के बाद उद्धव ठाकरे के करीबी सांसद संजय राउत ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह हासिल करने के लिए 2 हजार करोड़ रुपए की भारी-भरकम डील हुई है। उसी के साथ राउत ने मोदी सरकार और सुप्रीम कोर्ट तक पर भी कई गंभीर आरोप लगाए।
इससे पहले संजय राउत ने ट्वीट कर कहा था कि इसकी स्क्रिप्ट पहले से ही तैयार थी। देश तानाशाही की ओर बढ़ रहा है। जबकि कहा गया था कि नतीजा हमारे पक्ष में होगा, लेकिन अब एक चमत्कार हो गया है. लड़ते रहो। राउत ने कहा था कि ऊपर से नीचे तक करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाया गया है। हमें फिक्र करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जनता हमारे साथ है। हम जनता के दरबार में नया चिह्न लेकर जाएंगे और फिर से शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे, ये लोकतंत्र की हत्या है।
सुप्रीम कोर्ट क्लीन चिट देने का कारखाना
संजय राउत ने कहा कि पेगासेस मामले में हमने आवाज उठाई तो सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई। सुप्रीम कोर्ट क्लीन चिट देने का कारखाना बन गया है। यह देश देख रहा है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी किस तरह से अपने एक दोस्त का साथ दिए जा रहे हैं।
आगे उन्होंने कहा कि इस्राइली कंपनी से मदद लेकर देश की एक पार्टी (भाजपा) EVM को टैम्पर करके चुनाव जीत रही है। ऐसा लेख दुनिया के एक बड़े अखबार में आया है, इसकी भी जांच होनी चाहिए।
एक-एक विधायक का 50-50 करोड़ भाव
राउत ने कहा कि मैंने ट्वीट कर बताया है कि जिस तरह से हमसे तीर-कमान चुनाव निशान और नाम छीनने के लिए 2000 करोड़ का लेन-देन हुआ है। जो गद्दार गुट के लिए एक-एक विधायक का 50-50 करोड़ का भाव लगाते हैं, ऐसे पार्टी ने चुनाव निशान लेने के लिए जरूर इतनी रकम खर्च की होगी, यह मुझे भरोसा है। इसके सबूत मैं जल्द दूंगा।

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