1932खतियान आधारित स्थानीयता विधेयक को राज्य सरकार दोबारा राजभवन भेजेगी: सुप्रियो

रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि विधानसभा सदन में पारित 1932खतियान आधारित स्थानीयता विधेयक को राजभवन से वापस लौटाए जाने का पार्टी विरोध करती है। आखिर इसमें क्या त्रुटियां थी जो राज्यपाल ने वापस लौटा दिया। वे सोमवार को प्रदेश झामुमो कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर मोरहाबादी में आयोजित झंडोत्तोलन के बाद राज्यपाल ने जनता को संबोधित करते हुए राज्य सरकार की उपलब्धियों का बखान कर सीएम की प्रशंसा भी किया। लेकिन 72 घंटे के बाद ही राज्यपाल को क्या हो जाता है जो विधानसभा में पास विधेयक को राज्य सरकार को वापस भेज देती है। राज्यपाल ने इस विधेयक को ध्यान से नहीं पढ़ा होगा। उन्होंने कहा कि 1932 खतियान आधारित स्थानीयता कानून यहां के आदिवासी और मूलवासियों का कवच है। लेकिन राजभवन ने इस कवच को पास होने नहीं दिया।
श्री भट्टाचार्य ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा को खतियान शब्द से ही डर लगता है। इसलिए खतियान आधारित कानून को पारित होने देना नहीं चाहती है। इस कानून को राजभवन के द्वारा नौवीं अनुसूची में शामिल के लिए केंद्र की भेजने की बात थी। साथ ही भाजपा को इसपर खुलकर बोलना चाहिए। आर्टिकल 16/3 आर्टिकल34 के बीच में31बी का पालन करना चाहिए।
झामुमो भाजपा के मनोभाव को एक्सपोज करेगी।
हम लोग दोबारा इस कानून को भेजेंगे।तब तो राज्यपाल को पास करना ही होगा।

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