108 एम्बुलेंस कर्मचारी संघ का 28 जून को राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन
रांची: झारखंड प्रदेश एंबुलेंस कर्मचारी संघ अपनी विभिन्न लंबित मांगों को लेकर 28जून को राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। इस संबंध में संघ की रविवार को बैठक हुई।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीरज तिवारी ने बताया कि पिछले 8 वर्षों से कार्य कर रहे 108 एम्बुलेंस कर्मचारियों पर वर्तमान संस्था सम्मान फाउंडेशन रांची और पूर्व संस्था चिकित्सा हेल्थ केयर एलटीडी मुंबई एवं ईएमआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेस हैदराबाद संस्था के द्वारा अत्याचार एवं शोषण को लेकर झारखंड प्रदेश एम्बुलेंस कर्मचारी संघ कर्मचारियों के हितों की रक्षा और विभिन्न मांगों को लेकर संघ द्वारा बार – बार ज्ञापन सौंपने के बावजूद झारखंड सरकार के विभागीय मंत्री एवं संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई ठोस पहल नहीं किया गया है।जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। सरकार के आश्वासन के कारण पूर्व में संघ द्वारा सभी कर्मचारियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की गई थी। किंतु, बढ़ते आक्रोश के कारण संघ ने प्रदेश के सभी ज़िला प्रतिनिधियों के साथ एक राज्यस्तरीय बैठक आयोजित कर संस्था के काले कारनामे को देखते हुए संघ के द्वारा कई फैसले लिए गए हैं।
श्री तिवारी ने कहा कि संस्था द्वारा कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र एवं जॉइनिंग लेटर नहीं दिया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों के अधिकार का हनन हो रहा है। संस्था द्वारा झारखंड सरकार और श्रम विभाग के नियमों का उल्लंघन करते हुए कर्मचारियों का वेतन भुगतान किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों का शोषण हो रहा है। फील्ड वर्क के कर्मचारियों को ईपीएफ एवं ईएसआई, बीमा की सुविधा नहीं देना संस्था द्वारा फील्ड वर्क के कर्मचारियों को ईपीएफ एवं ईएसआई, बीमा की सुविधा से वंचित रखा जा रहा है। संस्था द्वारा जानबूझ कर खराब एंबुलेंस जो सड़क पर चलने योग्य नहीं है उसे ऑन रोड रखा जा रहा है जबकि उस एम्बुलेंस कर्मचारियों का वेतन कटौती की जा रही है। संस्था द्वारा कर्मचारियों को उनकी पूर्व श्रेणी के अनुसार वेतन देने के बजाय, उन्हें योग्यता (कुशल, अकुशल, अर्धकुशल) के आधार पर वर्गीकृत करके वेतन दिया जा रहा है। संस्था को योग्यतानुसार नहीं, बल्कि उनकी पूर्व श्रेणी के अनुसार वेतन देना चाहिए।
संस्था द्वारा कर्मचारियों को केस ट्रिप के आधार पर वेतन दिया जा रहा है। यह सरासर नियमों का उल्लंघन है, यदि एम्बुलेंस में कोई मरीज सेवा नहीं लेता है, तो ड्यूटी पर मौजूद कर्मचारियों का वेतन काट लिया जाता है, यह बिल्कुल गलत है।
कर्मचारियों का शोषण और उत्पीड़न संघ की निम्नलिखित मांगों पर संस्था स्वीकृति पत्र देने के बावजूद संस्था द्वारा उसकी कोई ठोस पहल नहीं की गई है और कर्मचारियों का शोषण और उत्पीड़न जारी है।
उन्होंने कहा कि संघ की जो मांगें हैं उनमें
झारखंड सरकार और श्रम विभाग के नियमों के अनुसार कर्मचारियों को न्यूनतम मानदेय पर भुगतान किया जाए और नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए।सभी कर्मचारियों को ईपीएफ, ईएसआई, बीमा और जोइनिंग लेटर प्रदान किया जाए।सभी कर्मचारीयों को पूर्व संस्था के तरह कुशल श्रेणी का वेतन भुगतान किया जाए।कर्मचारियों का प्रत्येक वर्ष वेतन वृद्धि किया जाए।झारखंड सरकार एवं श्रम विभाग के नियमों के अनुसार फरवरी एवं मार्च माह 2025 का भुगतान नियमित रूप से किया जाए।सभी कर्मचारीयों को 60 से 62 वर्ष उम्र तक की स्थाई नौकरी सुनिश्चित किया जाए।सभी कर्मचारीयों को एनएचएम से वेतन भुगतान किया जाए।सभी कर्मचारीयों को एनएचएम से स्थाई किया जाए।पुराने कंडम एम्बुलेंस को निरस्त कराई जाए और पुराने एम्बुलेंस को मरम्मत कराया जाए। पूर्व कंपनी। ज़िक़ित्ज़ा हेल्थ केयर लिमिटेड का बकाया ग्रेच्युटी भुगतान किया जाए।पूर्व कंपनी एमरी ग्रीन हेल्थ सर्विसेस का बकाया वेतन भुगतान किया जाए।
श्री तिवारी ने कहा कि बैठक में संघ ने यह फैसला लिया है कि 16 से 18 जून तक तीन दिनों तक काली पट्टी लगाकर कार्य किया जाएगा। 19 जून को शाम 6:00 बजे सभी जिला मुख्यालयों (समाहरणालय) में कैंडल मार्च निकाला जाएगा। 28 जून को राजभवन के समक्ष राज्यस्तरीय महाधरना प्रदर्शन किया जाएगा।इस महा धरना प्रदर्शन के दौरान यदि आपातकालीन 108 एम्बुलेंस सेवा में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न होती है, तो उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी झारखंड सरकार एवं विभागीय अधिकारियों की होगी।
इस अवसर पर प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष – मुकेश कुमार,प्रदेश सचिव – मृत्युंजय कुमार, प्रदेश कोषाध्यक्ष – कुणाल बनर्जी
प्रदेश उपाध्यक्ष – रविकांत देव, रूपेश कुमार, जिला अध्यक्ष – दिनेश कुमार
जिला सचिव – रवींद्र शर्मा
एवं अन्य लोगों उपस्थित थे ।

