हरिद्वार में अतिक्रमण पर योगी सरकार का बुलडोजर, संतों ने कहा-कर लेंगे आत्मदाह
हरिद्वार : सिंचाई विभाग की जमीन से बीते सोमवार को हटाए गए अतिक्रमण के विरोध में बैरागी अखाड़ों के संतों ने मोर्चा खोल दिया. संतों ने उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के खिलाफ धरना दिया और 13 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया है कि अगर तोड़े गए गेट को सही नहीं करवाया गया तो वे अनशन कर आत्महत्या करेंगे। साधु-संतों का आरोप था कि हाईकोर्ट के स्टे के बावजूद सिंचाई विभाग ने अतिक्रमण के नाम पर अखाड़ों पर बुलडोजर चलाया है।
इसे लेकर बैरागी अखाड़ों के साधु-संत अब धरने पर बैठे हैं, लेकिन कोई भी अधिकारी उनका हाल लेने के लिए बैरागी कैंप नहीं पहुंचा। फोन पर हुई वार्ता के बाद साधु-संतों ने 13 तारीख तक उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया है।
दिगंबर अणी अखाड़ा के बाबा हठयोगी ने कहा है कि अतिक्रमण के नाम पर की गई तोड़फोड़ ठीक नहीं की गई तो उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग हाईकोर्ट में इसका जवाब देने के लिए तैयार रहे। साथ ही इसकी शिकायत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी की जाएगी।
चेतन ज्योति आश्रम के स्वामी ऋषिश्वरानंद का कहना है कि वर्ष 2021 में यहां के लोगों ने हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया था, जिस पर स्टे मिला हुआ है। यहां के 700 घरों को तोड़ने पर स्टे लगा हुआ है, लेकिन दो-तीन दिन पहले उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने यहां पर तोड़फोड़ शुरू करवा दी।