काव्य प्रतियोगिता में वाईबीएन पब्लिक स्कूल ने सैकड़ों बुजुर्गों को किया सम्मानित

बच्चों ने कविता सस्वर वाचन प्रतियोगिता में एक से बढ़कर एक कविता पाठ किया

रांची : राजधानी रांची का एक ऐसा स्कूल जहां पर बच्चों को शिक्षा के साथ साथ भारतीय संस्कृति-सभ्यता का भी ज्ञान दिया जाता है। वह है धुर्वा एचईसी क्षेत्र स्थित वाईबीएन पब्लिक स्कूल। इसकी झलक शनिवार को स्कूल के कार्यक्रम में देखने को मिला। यहां पर काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। छात्र और छात्राएं अपने पाठ्य पुस्तक से संबंधित कविता, बड़े और नामी कवियों के कविता प्रस्तुत करते दिखे। इसके साथ ही रामायण और महाभारत की चर्चा किया गया। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम और कुंती पुत्र कर्ण के अच्छे कार्यों की चर्चा करते दिखे। इसके साथ ही समाज में बड़े बुजुर्गों को सम्मानित भी करने का काम विधालय के निदेशक रामजी यादव के पिता जी बैद्यनाथ यादव के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में करीब पांच सौ महिला एवं पुरुष बुजुर्गों को शॉल ओढ़कर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही उन्हें भोजन भी कराया गया। वाईबीएन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बैद्यनाथ यादव एवं वाईबीएन स्कूल के संचालक और वाईबीएन.विश्वविद्यालय के उप कुलाधिपति राम जी यादव ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। प्रधानाचार्य डॉoचांदनी नाथ द्वारा कृष्ण की चेतावनी शीर्षक काव्य पाठ ने सबों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं विधायलय के निदेशक रामजी यादव ने कहा कि आज के डिजिटल युग में सभी अपने आप में व्यस्त हैं। खासकर नए जेनरेशन मे आज हमारे घरों में दादा-दादी नाना-नानी को जो सम्मान मिलना चाहिए।
उसको जीवंत करने के लिए हमलोगों ने एक पहल शुरू किया है। उन्हें सम्मानित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि इस स्कूल में सुबह का उच्चारण ओम से होता है, गणेश वंदना से होता है। पूरे सात दिनों का रूटीन अध्यातम से जुड़ा होता है। यह देश सनातन का देश है। अपने देश की पुरानी संस्कृति और सभ्यता को जीवित रखना हमारा उद्देश्य है।
उन्होंने कहा कि भारत मे रहने वाले हर सनतानियों को अपनी पुरानी परंपरा को याद रखने की जरूरत है। पश्चात संस्कृति को भारतीय संस्कृति और सभ्यता पर हावी होने नहीं देना है।
इस कार्यक्रम में दादा ,दादी, नाना, नानी को सम्मान किया जाना था, इस अवसर पर सुश्री अंकिता यादव ने अपने बुजुर्गों पर अपना वक्तव्य देते हुए सभी श्रोतागण को भावुक कर दिया और सभा में सभी उपस्थित लोग के आंखों में आंसू आ गए । उन्होंने जीवन की अवस्थाओं के बारे में बदलते हुए समोसे यह कहा कि बुजुर्गों के संरक्षण की आवश्यकता है, जिनके आशीर्वचन से ही जीवन फलित होता है ।
इस अवसर पर उपस्थित सभी बुजुर्गों को संस्था की ओर से शाल देकर सम्मानित किया गया ।
इस समारोह में वाई.बी.एन .विश्वविद्यालय से
डॉ. संजय कुमार, डॉ. विजया, डॉ. अमिता, डॉ .संचिता बनर्जी और वाई.बी.एन.स्कूल की शिक्षिका किरण, रूबी ,हेमलता ,रिंकू, आशा एवं निर्णायक मंडल में जोशीला, अंजू, सुप्रिया एवं शिल्पी और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे ।

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