श्री बड़वाले महादेव मंदिर में 200 वर्षों से नियमित रूप से किए जा रहे हैं पूजा एवं अनुष्ठान…

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कायस्थपुरा क्षेत्र में स्थित श्री बड़वाले महादेव मंदिर को भोपाल शहर का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। यहां पर पिछले 200 वर्षों से नियमित रूप से पूजा एवं अनुष्ठान किए जा रहे हैं। कृपया ध्यान दें कि यह भोपाल शहर का सबसे प्राचीन शिव मंदिर बताया जाता है, भोपाल जिला अथवा भोपाल आसपास का नहीं। भोजपुरी स्थित प्राचीन शिव मंदिर, भोपाल शहर की सीमा में नहीं आता।
अब से करीब 200 वर्ष पूर्व इस स्थान पर एक बगीचा हुआ करता था। जिसमें कई प्रजातियों के पेड़ लगे थे। एक दिन एक महात्मा इस बगीचे में आए और वटवृक्ष की छाया में विश्राम करने लगे। करवट लेते समय उनका सर पेड़ की जड़ में स्थित एक शिला से टकराया। उन्होंने शिला के आसपास की मिट्टी हटाई। देखा तो उन्हें शिवलिंग के दर्शन हुए।
महात्मा ने इसकी जानकारी श्रद्धालुओं को दी। उनके कथन की विश्वसनीयता प्राप्त करने के लिए शिवलिंग के आसपास गहरी खुदाई की गई ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं महात्मा ने लोकप्रियता प्राप्त करने के लिए चुपके से कोई शिला वट वृक्ष की जड़ों में तो नहीं छुपा दी थी, जिसे बाद में शिवलिंग का प्राकट्य बताया गया। गहरी खुदाई के बाद भी शिवलिंग के प्रारंभ का पता नहीं चल पाया। इसके बाद धूमधाम से पूजा एवं अनुष्ठान प्रारंभ हुए जो नियमित रूप से चल रहे हैं। वटवृक्ष की जड़ों में शिवलिंग के प्राकट्य के कारण मंदिर का नाम बाबा बटेश्वर मंदिर रखा गया।

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