बदलते वक्त के साथ किसानों को व्यवसायिक खेती की तरफ उन्मुख होने की जरूरत :चौधरी

रांची: किसान से देश था, है ,रहेगा वक्त के साथ फसल की कीमत बढ़ रही है।किसानों की कीमत भी आज नहीं ,तो कल हम पहचानेंगे। वक्त के साथ , व्यवसायिक खेती की तरफ उन्मुख होंगे। जरूरत है विश्वविद्यालयों की नई पौध किसानी के प्रति आकर्षण पैदा करे।
वक्त के साथ वेटनरी पर सरकार का ध्यान नहीं जा रहा। जरूरत है कि सरकार कृषि के दोनों अंगों पर ध्यान दिया जाए।
उक्त बातें पूर्व सांसद राम टहल चौधरी ने बतौर मुख्य अथिति “मास स्क्वायर ” उद्घाटन सह ” विजन एंड इनसाईट डेवलपमेंट ऑन एग्री- ऑन्त्रप्रेनियरशिप सेमिनार ” के मौके पर मोबाईल एग्रीकल्चरल स्कूल एंड सर्विसेज में मौके पर मौजूद 200 किसानों की मौजूदगी में यह बातें कहीं।
मौके पर मौजूद डॉ आर पी सिंह ‘ रतन’ ने कृषि के अलावा कृषि प्रसार के क्षेत्र में अधिक बल देने की जरूरत है । मास जैसी संस्थाएं इस क्षेत्र में रोल मॉडल का काम कर रही हैं।”
अनुराधा मुंडा ,सदस्य,जिला परिषद , ने कहा कि ” मास अनगड़ा जैसे ग्रामीण इलाकों की जरूरत है।मास जिस प्रकार किसानों के गांव में, किसानों के बीच रहकर खेतों के रूप में जिस वैज्ञानिक लैब का निर्माण किया है, वह अत्यंत सराहनीय है। “
शिवेंद्र कुमार ,(से. नि. ICAR RCER) ने कहा कि “वक्त के साथ खेत कम होते जा रहे। कम खेत में ज्यादा फसल में सिर्फ खेती नहीं, तकनीकी खेती की जरूरत होती है। “
डॉ अमर कुमार चौधरी ,पूर्व रजिस्ट्रार, राँची विश्वविद्यालय, राँची ने कहा कि ” NEP 2020 स्वागतयोग्य है ।अब शहर के विश्वविद्यालयों में भी कृषि की पढ़ाई जैसी स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू हो रहा है ,जिससे थ्योरी के साथ- साथ व्याहारिक ज्ञान भी बढ़ेगा। “
डॉ रामजी प्रसाद यादव, चेयरमैन, वाई बी एन यूनिवर्सिटी ने कहा, ” शिक्षा जरूरी है। और ,कृषि की शिक्षा की आज के वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है। “
डॉ एस सी गर्ग , डी ई एम, नाबार्ड ने कहा कि नाबार्ड के सपनों को मास पूरा कर रहा है।
मास के निदेशक विजय भरत ने कहा कि ” किसानों के देश में किसानी से सभी दूर भाग रहे हैं। शहर को गांव सिर्फ टूरिज्म के लिए लुभाता है। गांव में आकर बसना कोई नहीं चाहता।
आज जरूरत है एग्रीकल्चर को ग्लोरीफाई करने की ताकि युवा खेती की ओर अग्रसर हों। “
इस मौके पर श्री राम टहल चौधरी, डॉ आर पी सिंह, अनुराधा मुंडा, शिवेंद्र कुमार, डॉ अमर कुमार चौधरी, डॉ रामजी प्रसाद यादव, डॉ एस सी गर्ग, मास के निदेशक विजय भरत , संदीप कुमार, तथा अन्य उपस्थित थे।

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