कोर्ट के आदेश के बाद भी मानव दिवस कर्मियों की बहाली में भेदभाव क्यों : अजय राय
रांची: झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के अध्यक्ष श्री अजय राय ने झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के पदाधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि निगम जब 2017 की बहाली में प्राथमिकता तय कर मानव दिवस कर्मियों की बहाली हो सकती हैं तो कोर्ट के आदेश दिए जाने के बाद भेदभाव क्यों
अजय राय ने कहा कि 2017 की बहाली में मानव दिवस कर्मियों को अधिकतम 5 वर्ष का कार्य अनुभव के आधार पर 15℅ प्राथमिकता दी गई थी । अभी वर्त्तमान में झारखंड हाई कोर्ट की ओर से उमा देवी बनाम कर्नाटका जजमेंट जिसमे पिछले 10 वर्ष से कार्य करने वाले अस्थाई कर्मियों को नियमित करने का आदेश दिया गया है। कोर्ट के आदेश के तहत पद के विरुद्ध काम करने वाले कर्मियों को नियमित किया जाना है
अजय राय ने सवाल उठाते हुए कहा है कि आखिर किस आधार पर पिछली बहाली में 5 साल का कार्य अनुभव का लाभ बकायदे निगम के पदाधिकारी द्वारा जारी अनुभव प्रमाण पत्र जारी कर दिया है तो अभी दोहरा रवैया क्यों अपनाया जा रहा है इस पर निगम को जवाब देना चाहिए ।
अजय राय ने बताया कि कुछ जानकारी संघ को मिल रही है कि निगम में बैठे हुए कुछ पदाधिकारी वरीय अधिकारियों को इस मुद्दे पर भरमाने का कार्य कर रहे हैं । संघ ने कहा है कि ऐसे लोगों का चेहरा बेकनाब किया जाएगा और इस मामले में सभी को कोर्ट में पार्टी बनाने का भी काम संघ करेगी।
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अजय राय ने कहा कि माननीय न्यायालय के आदेश के अनुसार पिछले 10 वर्षों से कार्यरत अस्थायी कर्मी कौन हैं यह निगम स्पष्ट करें,? 2004 से निगम के अंदर मानव दिवस के रूप में अस्थाई कर्मचारियों से पद के विरुद्ध काम लिया जा रहा है । जो कर्मी निगम की ओर से ही ईपीएफ , ईएसआई की सुविधा लेते हुए अपनी सेवा निगम में लगातार कार्य करते हुए दिया है । ऐसे कर्मियों के संबंध में निगम का कोई भी पदाधिकारी यह स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि ये कर्मचारी किस श्रेणी में आते हैं।