एंबुलेंस नहीं आया तो मरीज को खाट पर ही ले जाना पड़ा अस्पताल

लातेहार: सूबे के सरकारी अस्पतालों में हेल्थ सिस्टम का बुरा हाल किसी से छुपा नहीं है। शहरी क्षेत्रों में तो कुछ ठीक भी है।लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जनता भगवान भरोसे है। अस्पताल की बड़ी बड़ी इमारत तो है लेकिन उसमे चिकित्सक नहीं है और कही चिकित्सक है तो एंबुलेंस नहीं है। इस तरह की समस्या कई जगह देखने को मिल रही है। हम बात कर रहे हैं उग्रवाद प्रभावित जिला लातेहार की। लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड में एक ऐसा गांव है जहां ग्रामीणों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। यह गांव है माल्हन पंचायत का दाल चुंआ। गांव में एक पक्की सड़क तक नहीं है। मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए परिजनों को खाट का सहारा लेना पड़ता है।बुधवार को गांव के दीपक गंझू की गर्भवती पत्नी की तबीयत अचानक बिगड़ गई।परिजन उसे खटिया पर लिटाकर लगभग ढाई किलोमीटर पैदल चलें, तब एंबुलेंस तक पहुंचे। जिसके बाद से एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया गया, जहां उसका इलाज किया जा रहा है।

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