अपने खानपान में मड़ुआ के उपयोग को शामिल करने की हम सभी की आवश्यकताःउपायुक्त
देवघर : उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में ऑनलाइन सासो का सम्मेलन आयोजित किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जिले में 01 से 30 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण अभियान का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में सही पोषण सभी को मिले इसी उद्देश्य से सासो को सही जानकारी व जागरूक करने के उद्देश्य से सम्मेलन का आयोजन किया गया है। आगे उपायुक्त ने विभिन्न पंचायतों से जुड़ी सासों से बातचीत करते हुए कहा महिलाओं को कुपोषण से बचाव के साथ स्वस्थ्य जीवनशैली को प्राथमिकता देने के साथ विभिन्न उपायों से अवगत कराया गया। साथ ही उन्होंने सभी से बातचीत करते हुए कहा कि अपने-अपने घरों में सभी लोग एक साथ खाना खाने की आदत को बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि घर की बहुएँ को अकेले खाने की आदत से छुटकारा मिले। वहीं उन्होंने कहा कि हमारे की घर की बहुएं स्वस्थ्य व तनावमुक्त रहेगी तभी हमारा घर सही मायनों में खुशहाली की ओर बढ़ेगा।
इसके अलावे सास सम्मेलन के दौरान उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में कुपोषण हमारे समाज के लिए एक गंभीर समस्या है। इसे दूर करने के लिए हम सभी को मिलकर कार्य करते हुए लोगों के बीच जागरूकता लाने की आवश्यकता है। हम सभी को चाहिये कि अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहते हुए दूसरों को भी ऐसा करने हेतु प्रेरित करें। इसके लिए सही आहार, सही आदतें एवं अपने आस-पास स्वच्छता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। ऐसे में 30 सितम्बर तक चलने वाले पोषण अभियान को एक जनभागीदारी, जन आंदोलन की तरह चलाने के उद्देश्य से सभी का सहयोग आपेक्षित है, ताकि देवघर जिले को पूर्ण रूप से कुपोषण मुक्त बनाया जा सके। साथ ही कार्यक्रम के दौरान प्रजेन्टेशन के माध्यम से विभिन्न जागरूकता वीडियो, मड़ुआ से होने वाले फायदों एवं मड़ुआ बनाने की विधि के अलावा मानव शरीर के लिए सही पोषण के महत्व और भूमिका पर प्रकाश डालना है। आवश्यक पोषक तत्वों और कैलोरी के संयोजन के साथ एक संतुलित आहार मानव शरीर के सुचारू रूप से काम करने और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही सासों को बच्चों, गर्भवती एवं धातृ महिलाओं को पौष्टिक आहार, एनीमिया, स्वच्छता और साफ सफाई के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उन्हें जागरूक करने का प्रयास किया गया, ताकि महिलाओं को जागरूक करते हुए हर घर में पोषण के महत्व को बताया जा सके। दूसरी ओर सभी को गर्भावस्था के दौरान गर्भवती बहुओं का विशेष ध्यान रखा जाय एवं उनके द्वारा पौष्टिक आहार जैसे-हरी साग-सब्जी, अंडा, दूध, मछली, दाल, अंकुरित अनाज आदि का सेवन किया जाय। इससे जच्चा एवं बच्चा दोनों स्वस्थ्य रहेंगे एवं कुपोषण जैसी समस्या का भी सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने स्वस्थ्य जीवनशैली व पोषण आहार के रूप में मड़ुओ के सेवन को बढ़ावा देने की बात कही। इसके अलावे मड़ुओं से होने वाले फायदों से अवगत कराते हुए उपायुक्त ने छः माह से अधिक उम्र के बच्चों को भी मड़ुआ का सेवन कराने की बात कही।
इसके अलावे कार्यक्रम के दौरान उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री ने पोषण अभियान के तहत जिले की सभी बहुओं से अपील करते हुए कहा कि अपनी सास से मिलने वाले सहयोग, प्यार व समन्वय पर 50 से 100 शब्दों का निबंध लिखर का 30 सितम्बर तक जिला समाज कल्याण कार्यालय में जमा कराने की बात कही। जिसके पश्चात बेहतर सास-बहु की तीन जोड़ियों को प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान दिया जायेगा।
■ सास सम्मेलन के दौरान सभी को पोषण आहार एवं स्तनपान कराने वाली बहुओं से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी गयी….
यह सुनिश्चित करें कि बच्चे को जन्म के 1 घंटे के अन्दर माँ का दूध मिले।
06 माह तक केवल और केवल स्तनपान का सख्ती से पालन करना चाहिए।
मिश्री पानी, ग्राईव वाटर एवं शहद आदि बिलकुल नहीं देना चाहिए।
माँ के पोषण पर विशेष रूप से ध्यान दें तथा स्थानीय भोजन जैसे बाजरा, मोटा आनाज का सेवन कराए।
बच्चों के देखभाल के साथ संभालने में मदद करें और प्रसवोत्तर अवसाद (Post Partum Depression) के मामले में उसके मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें।
यह सुनिश्चित करें कि उसे उचित नींद और आराम मिले साथ ही उसे खुश रखें।
लड़का एवं लड़कियों में भेद-भाव न करें।
प्रसव के 45 दिनों तक बहु को Complication हो सकता है, इसलिए 45 दिनों तक उसका शरीर सामान्य अवस्था में नहीं आ पाता है।
शिशु के छः महीने होने के उपरांत उसको घर में बना हुआ एवं अच्छा तरह मसला हुआ खाना आवश्यक रूप से दें।
■ सास की भूमिका गर्भवती बहुओं के लिए….
सभी 4 ANC जाँच करवाना सुनिश्चित करें।
यह सुनिश्चित करें कि वह ताजा पका हुआ सम्पूर्ण पोषणयुक्त भोजन ले।
समय पर IFA और जिंक की गोलियों लेने की याद दिलाऐं।
सुनिश्चित करें कि वह उचित और पर्याप्त मात्रा में आराम करें।
उसे योग का अभ्यास कराएँ।
प्रसव पूर्व व्यवस्था करें जैसे स्वच्छ और हवादार कमरे की पहचान, साफ सूती कपडे, तार, नए ब्लेड आदि।
प्रसव के मामले में पूर्व से ही अस्पताल का चयन कर लें एवं जानकार व्यक्ति के सम्पर्क में रहे।
ममता वाहन तथा कार रखने वाले 2 भरोसेमंद व्यक्तिों के संपर्क में रहें, उनका सम्पर्क नं० रखे तथा जाँचकर देख लें कि उनका सम्पर्क नं० सही हो और कॉल लगता हो। जो आपात स्थिति के दौरान मदद कर सकते है।
प्रसव के पूर्व उचित मात्रा में बचत करें।
आपात स्थिति के लिए किसी प्रशिक्षित दाई की पहचान कर के रखे तथा उनका भी सम्पर्क नं० रखें।
घर की देखभाल करने के लिए किसी रिश्तेदार को पहचान कर प्रसव की संभावित तिथि से पूर्व उन्हें घर पर बुला कर रखें।
■ सास की भूमिका नवविवाहित बहू के लिए….
पूरे प्यार और सम्मान के साथ घर में उसका स्वागत करें और उसे अपनी बेटी की तरह मानें, ताकि वो भी आपको माँ का प्यार और सम्मान दें।
उसके स्वास्थ्य और पोषण का विशेष ध्यान रखें। क्योंकि वह आपके पोते – पोतियों की भावी माँ होगी।
खाने पर परिवार के सभी सदस्यों के साथ बहु को सम्मलित करें।
शौचालय का उचित प्रयोग करें एवं इसे स्वच्छ रखे। साथ ही अपने घर एवं आस-पड़ोस को साफ रखें।
इस दौरान उपरोक्त के अलावे जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रवि कुमार, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती रून्नु मिश्रा, युनिसेफ कॉ-ऑर्डिनेटर सुश्री देबांजली मंडल, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी एवं अंगनबाड़ी केन्द्र के सहिया, सेविका व विभिन्न पंचायतों के प्रज्ञा केन्द्र के माध्यम से 300 से अधिक सास-बहु आदि उपस्थित थे।