सरहुल और रामनवमी पर विद्यापति समारक समिति सेवा शिविर लगाएगी

रांची:विद्यापति स्मारक समिति कार्यालय में रविवार को समिति अध्यक्ष लेखानंद झा की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि समिति के द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी सरहुल और रामनवमी के अवसर पर रांची और रांची के आस-पास के क्षेत्रों से आनेवाली शोभायात्रा में शामिल लोगों के सेवा के लिए कचहरी चौक में सेवा शिविर का आयोजन किया जाएगा। इस शिविर में चना, सरबत और पानी वितरित किया जाएगा। समिति के अध्यक्ष ने कहा कि प्रकृति पर्व सरहुल आदिवासियों का वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला है एक प्रमुख पर्व है। पतझड़ के बाद पेड़-पौधे की टहनियों पर हरी-हरी पत्तियां जब निकलने लगती है, आम के मंजर तथा सखुआ और महुआ के फुल से जब पूरा वातावरण सुगंधित हो जाता है। तब मनाया जाता है। आदिवासियों का प्रमुख “प्रकृति पर्व सरहुल“। यह पर्व प्रत्येक वर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष के तृतीय से शुरू होकर चैत्र पूर्णिमा के दिन संपन्न होता है। इस पर्व में “साल अर्थात सखुआ” के वृक्ष का विशेष महत्व है। आदिवासियों की परंपरा के अनुसार इस पर्व के बाद ही नई फसल (रबि) विशेषकर गेहूं की कटाई आरंभ की जाती है। इसी पर्व के साथ आदिवासियों का नव वर्ष शुरू हो जाता है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि राम नवमीं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जन्मोत्सव के तौर पर मनाया जाता है। उनसे सम्पूर्ण विश्व को यह सीख मिलती है कि एक पुरुष का चरित्र भगवान राम की तरह होना चाहिए। इस मौके पर उदितनारायण ठाकुर, डॉ. बच्चा राम झा, दिलीप झा, संजीव मिश्रा, रंजीतलाल दास, अमरेंद्र मोहन झा, योगेश कुमार झा, कृतेष झा, रविकांत झा, श्रीराम मिश्र, पी के झा, बी के झा, संजीव कुमार, विद्याकांत झा, श्रेष्ठनारायण झा, संतोष झा, अशोक मिश्रा, प्रेम ठाकुर, युगेश्वर पासवान, फुरकान अंसारी, रामानंद यादव, दीपक जयसवाल, बाना मुंडा, विमल कच्छप, सत्यनारायण लकड़ा, अशोक कुमार आदि उपस्थित थे।

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