अपडेटः सुवेंदु अधिकारी समेत भाजपा के 5 विधायक सस्पेंड, बंगाल विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्षी के बीच मारपीट,

कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन जमकर हंगामा और मारपीट हुई। सदन में कार्यवाही के दौरान भाजपा विधायक मनोज टिग्गा और तृणमूल विधायक असित मजूमदार के बीच हाथापाई हुई, जिसमें असित मजूमदार घायल बताए जा रहे हैं, उनको हॉस्पिटल ले जाया गया. हंगामा मचाने के आरोप में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी समेत 5 भाजपा विधायकों को विधासनभा की कार्यवाही से सस्पेंड कर दिया गया. सस्पेंड होने वाले भाजपा विधायकों में सुवेंदु अधिकारी के अलावा मनोज टिग्गा, दीपक बर्मन, नरहरी महतो और शंकर घोष शामिल हैं. सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने विधानसभा में भाजपा विधायकों के खिलाफ प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि सदन की गरिमा को नष्ट किया गया है. सुवेंदु अधिकारी के उकसावे में विधानसभा में तांडव मचाया जा रहा है. भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, पश्चिम बंगाल विधानसभा में घोर भगदड़. बंगाल के राज्यपाल के बाद, टीएमसी विधायकों ने अब मुख्य सचेतक मनोज टिग्गा सहित भाजपा विधायकों पर हमला किया, क्योंकि वे सदन के पटल पर रामपुरहाट हत्याकांड पर चर्चा की मांग कर रहे थे. ममता बनर्जी क्या छुपाना चाहती हैं?ममता बनर्जी सरकार की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा विधायकों को निलंबित किया जाए. विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि सदन की गरिमा को ठेस पहुंची है. संपत्ति को जो नुकसान पहुंचा है उसका हिसाब किया जाएगा. इसके बाद सुवेंदु अधिकारी समेत 4 अन्य भाजपा विधायकों को विधासनभा की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया.
नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि बीरभूम हिंसा मामले को लेकर विधानसभा के अंदर हंगामा हुआ. विपक्ष ने कम से कम अंतिम दिन कानून-व्यवस्था पर चर्चा की मांग की, सरकार ने मना कर दिया. तृणमूल कांग्रेस के सदस्य हमारे 8-10 विधायकों के साथ संघर्ष करने के लिए कोलकाता पुलिस कर्मियों को सिविल ड्रेस में सदन के अंदर लेकर लाए.बीरभूम के रामपुरहाट में अनारुल हुसैन द्वारा जिस तरह हिंसक वारदात को अंजाम दिया गया, ठीक उसी तरह की स्थिति तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल पुलिस के द्वारा सदन के अंदर उप्तन्न की गई. हम आज दोपहर 2 बजे इसके खिलाफ मार्च करेंगे. नियमानुसार कार्रवाई की मांग करते हुए मैं अपनी शिकायत विधानसभा अध्यक्ष को लिखूंगा. हमें केंद्र के हस्तक्षेप की जरूरत है

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