फल और सब्जी प्रसंस्करण से दूर होगी बेरोजगारी, बढ़ती आबादी को पोषण और प्रदान करेगी खाद्य सुरक्षा

सहरसा:जिला के कृषि विज्ञान केन्द्र अगवानपुर द्वारा पी.एम. किसान सम्मान निधि योजना का कृषको के बीच सजीव प्रसारण किया गया।
इस कार्यक्रम में जिले के 150 से अधिक किसान एवं कृषक महिलाओे ने अपनी सहभागिता सुनिश्चित की।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा 8.5 करोड़ से अधिक किसानों के खातों में पी.एम. किसान सम्मान निधि की 14वीं किश्त 17500 करोड़ से अधिक रूपये की धनराशि डी.बी.टी. के माध्यम से हस्तान्तरित की गयी। यूरिया गोल्ड यानि कि सल्फर कोटेड यूरिया का शुभारंभ भी प्रधानमंत्री द्वारा किया गया। कार्यक्रम के सजीव प्रसारण के बाद कृषक गोष्ठी में केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. नित्यानंद ने सभी का स्वागत किया और केन्द्र द्वारा संचालित विभिन्न गतिविधियों व तकनीकियों के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि प्राचार्या मंडन भारती कृषि महाविद्यालय डा. अरुणिमा कुमारी, जिला कृषि पदाधिकारी ज्ञानचंद्र शर्मा, मुख्य वैज्ञानिक सह विश्वविद्यालय प्राध्यापक डा. मनीष दत ओझा, डा. बिनोद कुमार, सहायक निदेशक उद्यान शैलेंद्र कुमार, सहायक निदेशक रसायन अमितेश कुमार, सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण नवीन कुमार, सहायक निदेशक प्रक्षेत्र डा. के आर रंजन तथा अनुमंडल कृषि पदाधिकारी ब्रह्मदेव प्रसाद सिंह के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।
खेती-किसानी व्यवस्था में दिख रहा है अमूल-चूल परिवर्तन——
मंडन भारती कृषि महाविद्यालय के प्राचार्या डा. अरुणिमा कुमारी ने किसानों से कहा कि देश के प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में पिछले कुछ सालों में खेती-किसानी व्यवस्था में अमूल-चूल परिवर्तन हो रहा है। वर्तमान सरकार ने हर खेत तक सिंचाई की व्यवस्था को सुदृढ़ कर खाद्यान्न में रिकार्ड उत्पादन प्राप्त किया है। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा संचालित कार्यों की सराहना की और कहा कि किसान सम्मान निधि मिलने से किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई हैं। जिसके फलस्वरूप खेती में विविधिकरण देखने के साथ ही आय दोगुनी हुई है। जिला कृषि पदाधिकारी ने कृषकों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी और बिहार सरकार की योजनाओं से अवगत कराया। मंडन भारती कृषि महाविद्यालय के मुख्य वैज्ञानिक सह विश्वविद्यालय प्राध्यापक डा. बिनोद कुमार ने यूरिया गोल्ड यानि की सल्फर कोटेड यूरिया से होने वाले फायदे से किसानों को अवगत कराया। डा. मनीष दत ओझा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि फल और सब्जियाँ मनुष्य की महत्वपूर्ण पोषण संबंधी आवश्यकताएँ हैं क्योंकि वे न केवल हमारे दैनिक भोजन का स्वाद पूरा करते हैं बल्कि विटामिन, खनिज और रोग निवारक फाइटोकेमिकल्स भी प्रदान करते हैं। फल और सब्जी प्रसंस्करण क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बेरोजगार युवाओं के बड़े वर्ग के लिए रोजगार सुनिश्चित करता है और साथ ही बढ़ती आबादी की पोषण और खाद्य सुरक्षा को पूरा करने के लिए फसल के बाद होने वाले बड़े नुकसान को रोकता है। कृषि विज्ञान केन्द्र के वरीय वैज्ञानिक एवम प्रधान डा. नित्यानंद ने कृषकों को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि के नए तकनीकों को किसानों के खेत तक पहुंचाने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र निरंतर काम करता रहेगा इसके लिए किसान भाइयों को आगे आकर नए तकनीकों को अपनाना पड़ेगा। डा. कुमार संजीव ने किसानों के व्यवसाय में डिजिटल मार्केटिंग के महत्व के बारे में बताया। डा. प्रेमचंद कुमार ने धान में समेकित पोषक तत्व प्रबंधन पर प्रकाश डाला। डा. आशुतोष सिंह ने मृदा कार्बन का महत्व एवम सुधार के उपाय के बारे में कृषकों को जानकारी दी। डा. अमित कुमार पांडेय ने भी मृदा परीक्षण का महत्व एवम उपयोगिता के बारे में बताया। डा. श्याम बाबू साह ने धान में समेकित रोग एवं कीट प्रबंधन पर चर्चा की। डा. सुनीता पासवान ने मोटे अनाजों का मूल्य संवर्धन तथा उससे होने वाले उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया। डा. पंकज कुमार राय ने उद्यानिक फसलों की खेती रोजगार के अवसर के रूप में अपनाने की सलाह दी। कार्यक्रम का संचालन डा. सुनीता पासवान, वैज्ञानिक गृह विज्ञान ने किया।

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