सेना के आला अधिकारियों का फर्जी स्टांप बनाकर खेला करने के आरोप में दो व्यक्ति को पुलिस ने दबोचा

रांची: इंडियन आर्मी के आला अधिकारियों का फर्जी स्टांप बनाकर खेला करने के इल्जाम में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह कारनामा राजधानी रांची में आरोपी सर्वेश कुमार सिंह और आशीष दास द्वारा किया जा रहा था। करीब 43 साल का सर्वेश कुमार मूल रूप से बिहार के भभुआ के रामगढ़ थाना क्षेत्र का रहने वाला है। फिलहाल वह रांची के नामकुम थाना क्षेत्र के चाय बगान में रहता है। इसी इलाके में मिलिट्री हॉस्पीटल परिसर में राठौर जनरल स्टोर नाम का एक संस्थान चलाता है। वहीं, 47 साल का आशीष दास रांची के हिंदपीढ़ी थाना क्षेत्र के लोअर पीपी कम्पाउंड में रहता है। आशीष दास का दास साउंड नाम का एक दुकान है। यहां वह रबर स्टांप भी बनाने का काम करता है। इन लोगों के पास से सेना के विभिन्न पदाधिकारी के नाम से बना हुआ रबर स्टाम्प, प्रीइंक्ड फ्लैश स्टांप, मोबाइल फोन, सादा कागज पर मुहर बनाने का नमुना, दुकानदार को स्टांप मुहर बनाने के लिए दिया गया वाट्सअप का स्क्रीन शॉट और कम्प्यूटर का सीपीयू जब्त किया गया है। ये लोग रांची में बड़ा फर्जीवाड़ा करने की फिराक में थे। इस बाता का खुलासा आज यानी सोमवार को DIG सह रांची पुलिस कप्तान चंदन कुमार सिन्हा ने मीडिया के सामने किया।

SSP चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि इंफॉर्मेशन मिली थी कि मिलिट्री हॉस्पीटल नामकुम में इंडियन आर्मी के आला अधिकारियों के स्टांप बनाकर बड़ा खेला किया जा रहा है। यह खेला राठौर जनरल स्टोर में किया जा रहा है। मिली इंफॉर्मेशन पर DSP अमर कुमार पांडेय की देखरेख में तुरंत एक टीम गठित की गयी। गठित टीम ने बताये गये लोकेशन पर रेड मारी और राठौर जनरल स्टोर के मालिक सर्वेश कुमार सिंह को उठा लिया। वहीं, दुकान से 17 रबर स्टांप और प्रीइंक्ड फ्लैश स्टांप मिला, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया। सर्वेश कुमार सिंह की निशानदेही पर पुलिस ने आशीष दास को भी कस्टडी में ले लिया। गिरफ्तार संदेही गुनहगारों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। पुलिस को दिये अपने बयान में सर्वेश ने बताया कि गुजरे चार साल से वह स्टांप बनाने का काम कर रहा है। सेना के ही एक शख्स ने स्टांप बनाने के ऑर्डर दिये थे। SSP ने बताया कि दोनों के पास से आर्मी की ओर से किसी भी तरह का ऑथराइजेश लेटर नहीं मिला है। इन लोगों को स्टांप बनाने का ऑर्डर किसने दिया और उसके पीछे क्या मकसद है, पुलिस इश बात का पता लगाने में जुट गयी है। इन दोनों को गिरफ्तार करने में नामकुम थानेदार इंस्पेक्टर मनोज कुमार, एसआई गौतम कुमार, शशि रंजन और मिथुन कुमार की भूमिका सराहनीय रही।

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