जमीन मालिक अंचल कार्यालय का लगा रहे चक्कर, ऑनलाइन इंट्री और सुधार में परेशानी
खूंटी: झारखंड में जमीन संबंधी मामले, रजिस्टर -2 में ऑनलाइन इंट्री और सुधार का काम बंद है। इससे ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण अंचल कार्यालय का चक्कर लगाते लगाते थक चुके हैं। वहीं जो नजराना देता हैं उसका काम जल्द हो जाता है। हालांकि राजस्व एवम भूमि सुधार विभाग ने इसके लिए परिशोधन ऐप लॉन्च किया है। लेकिन इस ऐप में हमेशा तकनीकी समस्या आ रही है।ऑनलाईन इंट्री कराना एवं सुधार कराना टेड़ी खीर है। अंचलाधिकारी एवं कर्मचारी न तो ऑनलाईन इंट्री करते हैं और न अस्वीकृत ही करते हैं। वहीं झारखंड विकास मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष सह पॉलिटिकल नेता दिलीप मिश्रा ने ग्रामीणों को हो परेशानी को देखते हुए भूमि राजस्व भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा है।
पत्र के माध्यम से कहा है कि झारखंड के सभी अंचलों में पंजी टू में ऑनलाईन इंट्री व सुधार के लिए ग्रामीण वर्षों से अंचल कार्यालय की दौड़ लगा रहे हैं। पूरे झारखण्ड प्रदेश में एनआईसी की गलती के कारण राज्य के सभी जमीन मालिक का करीब 70प्रतिशत जमीन का ऑनलाईन इंट्री आजतक नहीं हो पायी है। साथ ही जहां आनलाईन जमीन की इंट्री हुई भी है तो उसमें सिर्फ त्रुटि ही है। त्रुटि को सुधार एवम इंट्री के लिए अंचल कार्यालय एवं जिला के प्रशासन को इस संबंध में कोई रुचि नहीं है। सिर्फ पैरवी एवं पैसों वालों का ही इंट्री एवं सुधार हो पाया है। आजतक ग्रामीणों के जमीन का ऑनलाईन कराने में अंचल के बाबू एवं अंचलाधिकारी प्रति डिसमिल एक हजार रुपया रेट फिक्स है।
ऑनलाईन इंट्री नहीं होने से हजारों लोगों के जमीन की रसीद नहीं कट रही है। अंचल से संबंधित लोग सिर्फ पैसा की मांग करते हैं। गरीब लोग, जमीन मालिक क्यों अपनी रैयती जमीन को इंट्री के लिए पैसा देगा, लेकिन व्यवस्था ही ऐसी है।
बगैर चढ़ावा के कोई कार्य नहीं हो रहा है। अंचल एवं किसी भी कार्यालय में सरकार के परिशोधन ऐप का प्रचार प्रशासन जिला एवं अंचल स्तर पर कोई फोकस नहीं किया गया है, जो एक षड़यंत्र की तरह किया जा रहा है। प्रचार-प्रसार होगी तो तो लोग जानेंगे समझेंगे पर प्रशासन के द्वारा कोई प्रचार नहीं किया गया।
आवेदन देने पर संबंधित लोग ना तो आवेदन को अक्सेप्ट और ना रिजेक्ट करते हैं। ग्रामीणों को परेशान किया जा रहा है।
श्री मिश्रा ने कहा कि जनहित में इस ऐप का प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए। साथ ही अंचल कार्यालय में भ्रष्टाचार पर विराम लगाया जाना चाहिए।