मंईयां की सुरक्षा के लिए पुलिस वाहन में नहीं है पेट्रोल, पेट्रोल पंप नहीं दे रहा उधार, बकाया चुकाने का फंड नहीं

रांची: मंईयां सम्मान योजना में हेमंत सोरेन की सरकार ने अपने वादे के अनुसार राज्य की मंईयां को उनके खाते में ढाई हजार रुपए डालना शुरू कर दिया है। इससे राज्य की मंईयां में खुशी की लहर है। लेकिन, इससे राज्य सरकार का बजट का संतुलन बिगड़ने लगा है। इससे अन्य विकास योजनाओं पर प्रभाव पड़ने लगा है।इस बीच सबसे हैरानी की बात सामने आई है। शहर में शांति व्यवस्था बनाएं रखने के लिए और लॉ एंड आर्डर को सुचारु रूप से चलाने के लिए गश्ती वाहन बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन,अब शहर में पेट्रोलिंग वाहन पहले की तरह नहीं चल रही है। पेट्रोल पम्पों पर करोड़ों रुपएं बकाया होने की वजह से अब पुलिस वाहनों को ईंधन मिलना बंद हो गया है। इस कारण अब पेट्रोल पंप के संचालक उन्हें पहले की तरह ईंधन उपलब्ध नहीं करा रहे हैं।
करोड़ों रूपए से ज्यादा हो गया है बकाया पीसीआर की गाड़ियां अब खड़ी कर दी गईं है।* थाना प्रभारी किसी तरह अपने स्तर से गश्ती की व्यवस्था कर रहे हैं। शहरी इलाकों में गश्त प्रभावित है। आपातकाल के नाम पर वरिष्ठ अधिकारी अपने वाहनों में ईंधन ले रहे हैं। राम विलास पेट्रोल पंप से पुलिस वाहनों को ईंधन की आपूर्ति की जाती थी। लेकिन करोड़ों रुपयों से अधिक बकाया होने की वजह से डीज़ल और पेट्रोल की आपूर्ति बंद कर दी गई है। बकाया भुगतान के बाद पेट्रोल और डीज़ल की आपूर्ति की जाएगी।

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