बढ़ गई झारखंड की सियासी तपिश, अपने ही दल के अंतरकलह से जूझ रहा झामुमो, कांग्रेस भी तरेर रहा आंखें

रांचीः झारखंड की सियासी तपिश बढ़ गई है। इस तपिश में एक्शन, इमोशन और ड्रामा सब कुछ है। सत्ताधारी दल झामुमो खुद पार्टी में अंतरकलह से जूझ रहा है। वहीं कांग्रेस भी आंखे तरेर रहा है। ऐसे में ऊंट किस करवट बैठेगा यह पिक्चर क्लीयर होने के बाद की पता चले गा। कांग्रेस से झामुमो को नसीहत भी दे डाली है। नसीहत जल्द से जल्द कामन मिनिमम प्रोग्राम लागू करने की है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने इस ओर इशारा भी किया है कि गठबंधन सरकार को एकतरफा नहीं चलाया जा सकता। सरकार तभी मजबूत होगी जब गठबंधन के सभी दल एकजुट रहेंगे। पांडेय के मुताबिक बीते सात मार्च को उन्होंने कामन मिनिमम प्रोग्राम की सूची मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सौंपी थी। इसके अलावा गठबंधन के नियम की लिस्ट भी सौंपी थी।
क्या है कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी का तर्क
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने तर्क दिया है कि पिछले साल डेढ़ साल से जितनी भी गैर भाजपा सरकारें हैं, उसको अस्थिर किया जा रहा है। यह तेजी से चल रहा है। झारखंड में इसकी संभावना नहीं है, लेकिन इस प्रकार का संशय खत्म करने पर ही सरकार मजबूत हो पाएगी। गठबंधन के सभी दल एकजुट होकर बेहतर विश्वसनीयता के साथ काम करें। परिवार के किसी व्यक्ति को अगर ऐसा लगता है कि वह अकेला परिवार चला लेगा तो उसकी गलतफहमी होती है। अभी हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हैं और गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं। उनकी जिम्मेदारी ज्यादा बनती है कि किस प्रकार से सबको साथ और विश्वास में लेकर चलना चाहिए।
झामुमो में अलग-थलग पड़े सीता और लोबिन
इधर झामुमो में भी अंतरकलह साफ दिख रहा है। पार्टी के दोनों विधायक सीता सोरेन और लोबिन हेम्ब्रम संगठन के भीतर-बाहर अकेले पड़ गए हैं। दोनों सरकार के खिलाफ मुखर हैं, लेकिन उन्हें कहीं से समर्थन नहीं मिल पा रहा है। दोनों समानांतर कार्यक्रम कर रहे हैं। विधायकों का कहना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सभी जटिल मसलों का समाधान कर रहे हैं, लेकिन दोनों विधायकों के क्रियाकलाप से भ्रम फैल रहा है। सीता सोरेन ने राजभवन जाकर गलत किया। वहीं विधायक सीता सोरेन अब अपनी पुत्रियों को आगे कर बनाई गई दुर्गा सोरेन सेना को मजबूत करने की रणनीति बना रही हैं। इस संगठन का पहला राज्य स्तरीय सम्मेलन छह अप्रैल को पुराना विधानसभा सभागार में होगा। झामुमो का आरोप है कि दोनों विधायकों के जरिए भाजपा सरकार को अस्थिर करने की साजिश रच रही है।

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