नेहरू मेमोरियल का नाम अब पीएम मेमोरियल हुआ, कांग्रेस बिफरी

नई दिल्ली : दिल्ली का नेहरू मेमोरियल अब पीएम मेमोरियल के नाम से जाना जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आधिकारिक निवास तीन मूर्ति परिसर में प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करने के लगभग एक साल बाद नेहरू का नाम परिसर से हटा दिया गया है। केंद्र के इस फैसले पर कांग्रेस ने कड़ा एतराज जताया है।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस फैसले का विरोध करते हुए पीएम मोदी पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों एवं अभिलेखों का खजाना रहा है। अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी कहा जाएगा। पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के शिल्पकार के नाम और विरासत को विकृत करने, नीचा दिखाने और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे। अपनी असुरक्षाओं के बोझ तले दबा एक छोटे कद का व्यक्ति स्वघोषित विश्वगुरु बना फिर रहा है।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने पर केंद्र पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जो लोग स्वतंत्रता संग्राम और आधुनिक भारत के निर्माण में नेहरू के योगदान को खत्म करना चाहते हैं, उन्हें नेहरू की सोच को समझने के लिए डिस्कवरी ऑफ इंडिया और विश्व इतिहास की झलक किताब पढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि इमारतों का नाम बदलने से विरासत नहीं मिटती।
वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीते दिन इस संग्रहालय का दौरा कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के सभी प्रधानमंत्रियों द्वारा राष्ट्र की रक्षा और विकास में किए गये योगदान का सम्मान करने के लिए नई दिल्ली में ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय भारत की विकास यात्रा को प्रतिबिंबित करता है और देश के लोकतंत्र की जीवंतता और सफलता की कहानी भी कहता है। मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे इस प्रधानमंत्री संग्रहालय को कम से कम एक बार देखने अवश्य जायें।
बता दें कि नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी परिसर में ही पीएम मोदी द्वारा एक साल पहले प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था। और प्रतिशोध का दूसरा नाम है मोदी : जयराम
-इमारतों का नाम बदलने से विरासत नहीं मिटतीः मनीष तिवारी
-भारत की विकास यात्रा को दिखाएगा ये संग्रहालयः राजनाथ

नई दिल्ली : दिल्ली का नेहरू मेमोरियल अब पीएम मेमोरियल के नाम से जाना जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के आधिकारिक निवास तीन मूर्ति परिसर में प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करने के लगभग एक साल बाद नेहरू का नाम परिसर से हटा दिया गया है। केंद्र के इस फैसले पर कांग्रेस ने कड़ा एतराज जताया है।  

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस फैसले का विरोध करते हुए पीएम मोदी पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों एवं अभिलेखों का खजाना रहा है। अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी कहा जाएगा। पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के शिल्पकार के नाम और विरासत को विकृत करने, नीचा दिखाने और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे। अपनी असुरक्षाओं के बोझ तले दबा एक छोटे कद का व्यक्ति स्वघोषित विश्वगुरु बना फिर रहा है।
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदलने पर केंद्र पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जो लोग स्वतंत्रता संग्राम और आधुनिक भारत के निर्माण में नेहरू के योगदान को खत्म करना चाहते हैं, उन्हें नेहरू की सोच को समझने के लिए डिस्कवरी ऑफ इंडिया और विश्व इतिहास की झलक किताब पढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि इमारतों का नाम बदलने से विरासत नहीं मिटती।
वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीते दिन इस संग्रहालय का दौरा कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के सभी प्रधानमंत्रियों द्वारा राष्ट्र की रक्षा और विकास में किए गये योगदान का सम्मान करने के लिए नई दिल्ली में ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि यह संग्रहालय भारत की विकास यात्रा को प्रतिबिंबित करता है और देश के लोकतंत्र की जीवंतता और सफलता की कहानी भी कहता है। मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे इस प्रधानमंत्री संग्रहालय को कम से कम एक बार देखने अवश्य जायें।
बता दें कि नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी परिसर में ही पीएम मोदी द्वारा एक साल पहले प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था।

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