पेयजल विभाग की समीक्षा बैठक में उपायुक्त ने कहा-जल संकट से प्रभावित पंचायतों में टैंकर से जलापूर्ति की जाएगी
खूंटी: उपायुक्त शशि रंजन की अध्यक्षता में गुरुवार को समाहरणालय के सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। इसमें पेयजल स्वच्छता प्रमंडल के अधिकारी, जिले के प्रखंड विकास पदाधिकारियों एवं थाना प्रभारियों से गर्मी के वर्तामान मौसम में जिले में आने वाले दिनों में पेयजल संकट की संभावना को लेकर प्रखंडों में तत्संबंधित व्यवस्थाओं की विस्तार से जानकारी ली गई। मौके पर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया।
उपायुक्त ने पेयजल स्वच्छता प्रमंडल, खूंटी के पदाधिकारी से जिले में खराब पड़े चापाकलों की अद्यतन जाकारी ली। मौके पर खराब चापाकलों की मरम्मत कराने की दिशा में यथाशीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।
उन्होंने जिले के प्रखंड विकास पदाधिकारियों से अप्रैल, मई और जून माह के दौरान जल स्तर के नीचे चले जाने से जल संकट से प्रभावित होने वाले पंचायतों की जानकारी ली। साथ ही प्रखंडों में उपलब्ध टैंकरों की संख्या एवं स्थिति की जानकारी ली गई। उपायुक्त ने कहा कि अप्रैल, मई और जून माह के दौरान जल संकट से जूझने वाले क्षेत्रों में टैंकर से पानी की आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रखंडों के पुराने टैंकरों की मरम्मत कराई जाएगी। साथ ही आवश्यकतानुसार नये टैंकर की व्यवस्था कराई जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि जिन गांवों में तालाब की आश्यकता है, वहां तालाब का निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में तालाब निर्माण के लिए प्रतिवेदन प्रेषित करें।
प्रखंड पदाधिकारियों एवं थाना प्रभरियों के साथ चर्चा के क्रम में उपायुक्त ने कहा कि आवश्यकता के अनुसार कार्यालय परिसर में अधिक क्षमता के वाटर प्यूरिफायर की व्यवस्था कराई जाएगी। उन्होंने सोलर वाटर सप्लाई उपकरण को अधिष्ठापित कराने हेतु थाना प्रभारियों को निर्देश दिया कि स्थल का चयन कर जिला प्रशासन को प्रतिवेदन प्रेषित करें।
बैठक के दौरान जिले में अफीम की खेती एवं विनष्ट करने की कार्रवाई की चर्चा करते थाना प्रभारियों को विनष्टिकरण के कार्य में और तेजी लाने का निर्देश दिया गया। उन्होंने सभी पदाधिकारीयों को निर्देशित किया कि आमजनों से निरंतर सम्पर्क रखते हुए उनकी समस्याओं का निष्पादन करें। साथ ही उन्हें आवश्यक रूप से सहयोग करते हुए कार्य करें ताकि सकारात्मक वातावरण का निर्माण हो सके।