केंद्र सरकार झारखंड राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दे : नायक

रांची : झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष विजय शंकर नायक  ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड को सौगात नहीं बल्कि झारखंड राज्य को विशेष राज्य का दर्जा दे और पूर्वोत्तर राज्य के तर्ज पर सभी केंद्रीय योजनाओं में केंद्रीय अंशदान विशेष सहायता राशि 90% और झारखंड राज्य अपना अंशदान 10% करे।  यानि की 90% अंशदान विशेष सहायता राशि केंद्र का और 10% राशि राज्य सरकार का हो और सभी केंद्रीय योजनाओं में उसको लागू किए जाएं ताकि सदियों से पिछड़े झारखंड राज्य का तीव्र गति से विकास हो सके।

उन्होंने कहा कि आज भी झारखंड राज्य का 22 वर्षो के बाद भी जितना तेजी से विकास होना था नहीं हुआ है आज भी यह राज्य पिछड़ा हुआ है और विकसित के जगह यह राज शनै शनै कछुआ की गति से विकास कर रहा है। आज दुर्भाग्य का विषय है कि झारखंड के 17 जिले आज भी पिछड़े जिलों की गिनती में आते है जो नीति आयोग ने कहा है ।नीति आयोग ने जो विकास के मामले में  पीछे छूट गए जिलों प्रदर्शन में सुधार के लिए बुनियादी विकास मानको के  आधार पर रैंक व स्कोर देने की शुरुआत की थी उसमें यह बात कही गई है। नीति आयोग ने जैसे स्वास्थ्य पोषण शिक्षा कृषि जल संसाधन वित्तीय समावेश कौशल विकास व मूल बुनियादी ढांचे में प्रदर्शन के आधार पर तैयार इस रैंकिंग व स्कोर में झारखंड के 17 जिले 40% का भी स्कोर हासिल नहीं कर पाए हैं।

श्री नायक ने आगे कहा कि हजारीबाग की स्थिति थोड़ी बेहतर है जिसने (40.46%) प्रतिशत स्कोर हासिल किया है और जिलों की स्थिति भयावह है जिसमें साहिबगंज तो सिर्फ (30.57%)स्कोर मिला है और पूर्वी सिंहभूम कुल (39.45%) है बोकारो 39 पॉइंट 45% रांची 39 पॉइंट 12% 5 जून को 86 वां रैंक साहिबगंज को 90 वां रैंक सिमडेगा को 74वां बैंक नीचे के स्थान पर है और तो और स्वास्थ्य मानकों के क्षेत्र में भी झारखंड अन्य राज्यों से काफी पिछड़ा हुआ है झारखंड का एकमात्र जिला गुमला टॉप 20 कि सूची में है जिसकी रैंकिंग 12 इसको (45.5%) है गोड्डा जिला 21वां और हजारीबाग जिला 27 वां स्थान पर है स्वास्थ्य मानक पर भी झारखंड के किसी भी जिलों ने 50%, रैंक स्कोर भी अर्जित नहीं किया है।

श्री नायक ने यह भी कहा कि शिक्षा के मानक पर भी झारखंड के 5 जिलों हजारीबाग बोकारो रांची रामगढ़ और पूर्वी सिंहभूम में 50% से ज्यादा इसको अर्जित किए हैं लेकिन उनका रैंक वाइज 22 से 37% के बीच है वही कौशल विकास में पूर्वी सिंहभूम ने (49.49%) स्कूल लाकर देश के पिछड़े जिलों में पहला स्थान हासिल किया है और झारखंड के अन्य जिलों के 16 जिले  में 20% से भी कम रैंक व स्कोर है जो सोचनीय प्रश्न है। इन्होंने यह भी कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से विशेष राज्य का दर्जा मांगने का मकसद देश के सर्वाधिक पिछड़े झारखंड राज्य को 90% अंशदान विशेष सहायता राशि केंद्र दे ताकि विकास की गति से जो अब तक झारखंड पिछड़ गया था उसे देखते हुए आज सभी क्षेत्रों में बदलाव लाकर ही झारखंड राज्य को विकसित राज्य बनाया जा सकता है जिसमे केंद्र सरकार अपनी ऐतिहासिक योगदान देने का कार्य कर विशेष राज्य का दर्जा एवम् अंशदान विशेष सहायता राशि देकर झारखंड राज को विकसित राज्य  बनाने हेतु सकारात्मक ठोस पहल करना चाहिए ।

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