झारखंड के जंगलों में धधकती जा रही आग, महुआ चुनने के लिए लोग कर रहे पर्यावरण का नुकसान

गणादेश टीमः . गर्मी के साथ ही महुआ का सीजन आते ही झारखंड के कई जिलों में ग्रामीण जंगलों में आग लगा देते हैं, ताकि महुआ को आसानी से चुन सके. ऐसे में झारखंड के अलग-अलग जिलों से आग लगने की खबरें आ रही हैं. झारखंड के लोहरदगा के जंगलों में भी आग भड़कती जा रही है. पेशरार और किस्को के जंगलों में ये आग ज्यादा लगी हुई है.रामगढ़ के मुराम कला में चार सौ एकड़ में फैले घने जंगलों में बार-बार आग लगने की घटनाएं घट रही है. ग्रामीण और वन प्रबंधंन समित्ति जंगल में लगे आग को अपने स्तर से बुझाने के लिए प्रयास कर रही है. लेकिन, वन विभाग कहीं नजर नहीं आ रहा है. आग से जंगलों में कीमती जड़ी- बूटी ,जीव-जंतु कीमती पेड़ और छोटे पौधे जलकर नष्ट हो रहे हैं. ग्रामीण बताते हैं कि महुआ चुनने वाले और कुछ शरारती लोग द्वारा जंगल में आग लगाया जाता है. बताते चलें कि, महुआ चुनने के लिए लोग सूखे पत्तों में आग लगाते हैं जो तेज हवा की वजह से बढ़ती जा रही है. इससे वन्य जीव के साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है. वन विभाग की ओर से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. लेकिन इसका असर नहीं दिख रहा है. वहीं गढवा जिला के धुरकी थाना क्षेत्र में महुआ चुनने वाले ग्रामीणों द्वारा महुआ के पेड़ के नीचे सुखी पत्तियों के अलावा झाड़ियों को जलाकर साफ करने के लिए आग लगाया जा रहा है. जंगल मे लगी इस आग काफी दूर तक फैल गई है.. आग इतनी भयानक है कि यह धुरकी थाना कार्यालय, वन कार्यालय परिसर तक पहुंच गया है. वैसे आग पर काबू करने के लिए फायर ब्रिगेड को लगाया गया है. इधर वन विभाग का कहना है कि पिछले साल भी महुआ चुनने वालों ने जंगल में इसी तरह आग लगाकर छोड़ दिया था, जिसके बाद हजारों हेक्टेयर जंगल जलकर खाक हो चुकी.
इधर गोड्डा के फट्टा गांव के नजदीक जंगल मे महुवा चुनने के लिए लगातार ग्रामीण जंगलों में आग लगा रहे है. वन विभाग की माने तो उन्हें आग की सूचना नहीं मिल पा रही हैं. सूचना मिलते ही दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. इधर ग्रामीणों ने बताया कि महुवा चुनने में आसानी हो इस लिए ये आग वो लगा देते हैं.
सरायकेला जिला के चांडिल के थाना क्षेत्र आसनबनी जंगल मे अचानक आग लग गई, जिसके कारण कई छोटे-छोटे पेड़ को नुकसान हुआ. वहीं सूखी पत्तियों में लगी आग तेजी से फैल कर कई हैक्टर जंगल के जमीन मे आग से नुकसान पहुंचा है. आग और धुएं के कारण जंगल में रहने वाले पक्षी इधर उधर भाग रहे हैं.

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