डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में मनाई गई स्वामी विवेकानंद जयंती
रांची: डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो तपन कुमार शांडिल्य ने डिपार्टमेंट ऑफ इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर,
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के द्वारा आयोजित राष्ट्रीय युवा दिवस के मौके पर न्यू अकादमिक भवन के एम्फीथिएटर में तकरीबन 500 छात्रों की मौजूदगी में कहा कि “उठो,जागो और अपने लक्ष्य की तरफ इतनी शांति से आगे बढ़िए कि आपके दाएं हाथ की खबर बाएं हाथ को न हो।
आगे प्रो तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि दुनिया में शक्ति बड़ी चीज है। और ,दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति धर्म में है। मानव यात्रा में धर्म की राह ही आखिरी राह है।”
पूरे विश्व में सनातनी परम्परा को ” भाइयों और बहनों” के उद्घोष के साथ वसुधैव कुटुम्बकम की सुवास के साथ प्रसारित करके का कार्य किया।
ई एल एल के कॉर्डिनेटर डॉ विनय भरत ने कहा कि ” आधुनिक झारखण्ड के निर्माता जमशेद जी टाटा जब जहाज पर बैठकर अमेरिकी यात्रा पर निकले तो उनके सामने की सीट पर स्वामी विवेकानंद थे। उन्होंने ही टाटा को झारखण्ड में उनके इस्पात कारखाना लगाने की सलाह दी थी। ये पता चलता है कि टाटा औद्योगिक घराने की आध्यात्मिक शक्ति स्वयं स्वामी विवेकानंद की प्राप्त थी। नतीजा आपके सामने है। कई औद्योगिक घराने आये ,गए,पर टाटा ने जो विश्वास हासिल किया, वो दूसरा कोई भी न कर सका।”
शिक्षिका श्वेता कुमारी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की प्रासंगिकता वक्त के साथ आगे बढ़ते चली जा रही है। “
इस मौके पर शिक्षक डॉ आशीष आलोक के शोध कार्य हेतु कुलपति तपन कुमार शांडिल्य ने दुनिया की सबसे बड़ी ताकत कलम देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर शिक्षक सौरभ मुखर्जी, कर्मा कुमार , रंजना कुमारी ने अपने विचार साझा किए।
मंच संचालन शुभांगी रोहतगी ने किया।
इस मौके पर प्रो तपन कुमार शांडिल्य के अलावे डॉ विनय भरत, डॉ आशीष आलोक, सौरभ मुखर्जी, कर्मा कुमार, श्वेता गौरव, शुभांगी रोहतगी, रंजना कुमारी मौजूद थे।
कार्यक्रम को सफल बनाने में छात्र प्रतिनिधि पीयूष राज, सुमित कुमार, तन्वी बरदियार, मानसी विश्वास, प्रीति कुमारी, अंजली राधारानी, प्रिया कुमारी, निशांत रंजन, अनमोल तिर्की, ओंकार कुमार मेहता, शिवाजी मिंज, जोया अख्तर, आदित्य वर्मा ने विशेष योगदान दिया।