सुप्रीम कोर्ट का बाल विवाह पर फैसला ऐतिहासिकः नीलम बेसरा
खूंटी: सुप्रीम कोर्ट ने बाल विवाह के खिलाफ एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसमें कहा गया है कि बाल विवाह अपनी मर्जी से जीवनसाथी चुनने के अधिकार का हनन करता है। इस फैसले में कोर्ट ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सरकार और प्रशासन को बचाव-रोकथाम-अभियोजन रणनीति के साथ समुदाय आधारित दृष्टिकोण के साथ काम करने की जरूरत झारखण्ड महिला उत्थान की सचिव नीलम बेसरा ने सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का स्वागत किया है। साथ ही कहा कि यह फैसला 2030 तक देश से बाल विवाह का खात्मा सुनिश्चित करेगा। खुँटी में बाल विवाह के खात्मे के लिए यह फैसला एक महत्वपूर्ण कदम है। हमारे साझा प्रयासों को और मजबूती मिलेगी। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान ने अबतक 120,000 से अधिक बाल विवाह रुकवाए और 50,000 बाल विवाह गांव मुक्त बनाए। अभियान के संस्थापक भुवन ऋभु ने कहा कि यह फैसला सांस्थानिक संकल्प को मजबूती देने की दिशा में निर्णायक बिंदु साबित होगा।