पारस हॉस्पिटल एचइसी में आंखों से नहीं देख पाने वाले मरीज का सफल इलाज
न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ संजीव कुमार शर्मा ने किया इलाज*
रांचीः पारस हॉस्पिटल एचइसी में दोनों आंखों से नहीं देख पाने वाले 31 वर्षीय पप्पू कुमार का सफल इलाज किया गया है। न्यूरोमाइलाइटिस ऑप्टिका स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (एनएमओएसडी) से पीड़ित इस मरीज का इलाज पारस हॉस्पिटल के न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ संजीव कुमार शर्मा की देखरेख में किया गया। इस संबंध में डॉ संजीव ने कहा कि यह मरीज करीब 15 दिन पहले पारस हॉस्पिटल में आंखों की समस्या को लेकर पहुंचा। इस मरीज की समस्या थी कि यह दोनों आंखों से नहीं देख पा रहा था। आंख की रोशनी पूरी तरह से चली गई थी। मरीज की आंखों पर टॉर्च की रोशनी मारने पर भी पता नहीं चल रहा था कि टोर्च की रोशनी कहां से आ रही है। मरीज को चलने में लड़खड़ाहट हो रही थी। उस मरीज का इलाज पारस हॉस्पिटल के डिपार्टमेंट ऑफ़ न्यूरोलॉजी के अंदर प्रारंभ किया गया। मरीज के जांच के बाद पता चला कि मरीज न्यूरोमाइलाइटिस ऑप्टिका स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर से पीड़ित है। इसके बाद मरीज का इलाज प्रारंभ किया गया। दवाई दिया गया और खून की सफाई की गई। मरीज का प्लाज्मा एक्सचेंज किया गया। इसके बाद मरीज के आंखों की रोशनी आने लगी।
डॉ संजीव ने कहा कि पारस हॉस्पिटल में अब तक 15 से अधिक मरीजों का प्लाज्मा एक्सचेंज किया गया है। इस मरीज का भी प्लाज्मा एक्सचेंज किया गया। अब मरीज बिल्कुल ठीक है। वह देख सकता है। पेपर पढ़ सकता है। सभी काम आसानी से कर सकता है। उसके आंखों की रोशनी में काफी सुधार हुआ है। कलर परसेप्शन आने में थोड़ा समय लगता है। लेकिन मरीज लगभग 3 महीने में बिल्कुल सामान्य हो जाएगा। मरीज को कुछ भी नहीं दिख रहा था। अपनी उंगली भी गिनती नही कर पा रहा था। अब वह देख सकता है।
डॉ संजीव ने कहा कि पारस हॉस्पिटल में प्लाज्मा एक्सचेंज कर 15 से 20 मरीजों का इलाज किया गया है।
पारस हॉस्पिटल एचइसी के मार्केटिंग हेड मानस लाभ ने कहा कि पारस हॉस्पिटल में प्लाज्मा एक्सचेंज के माध्यम से मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इस तरह के इलाज से गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज आसानी से हो रहा है, जिसका लाभ झारखंड एवं अन्य राज्यों के लोग भी ले रहे हैं।