प्रदेश कांग्रेस ने बजट पूर्व एवं नगर निकाय चुनाव पर की परिचर्चा किया

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी की बजट पूर्व एवं निकाय चुनाव पर परिचर्चा का आयोजन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश की अध्यक्षता में दो पालियों में संपन्न हुआ। जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश प्रभारी गुलाम अहमद मीर एवं सह प्रभारी सिरिबेला प्रसाद उपस्थित हुए। प्रथम पाली में मंत्री सांसद विधायक पूर्व सांसद एवं पूर्व विधायक ने भाग लिया जबकि दूसरी पाली में विस्तारित कार्य समिति के सदस्यों पूर्व प्रदेश पदाधिकारी जिला अध्यक्षों बोर्ड निगम आयोग के अध्यक्ष सदस्य उपस्थित रहे।
बैठक में विधायक दल के नेता प्रदीप यादव उप नेता राजेश कच्छप की उपस्थिति में मंत्रियों विधायकों सांसदों पूर्व सांसदों पूर्व विधायकों ने भी भाग लिया।
बैठक में परिचर्चा के संबंध में विषय प्रवेश कराते हुए श्री केशव महतो कमलेश ने विचार आमंत्रित किया।
बैठक में मा.मीर ने कहा कि अबुआ बजट कैसा हो इस पर विचार के लिए यह एक पहल है। बैठक में आए विचारों से माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी को अवगत कराया जाएगा तथा उनसे विचार विमर्श किया जाएगा। जिसमें जनप्रतिनिधि,संगठन के सदस्यों और जनता के विचारों के अनुरूप बजट बनाने की कोशिश की जाएगी। न्यूनतम साझा कार्यक्रम के अनुसार हमने जनता को जो गारंटी दी है उसे पूरा करना है। एक गारंटी हमारी मईया सम्मान के रूप में पूरी हुई है,इससे जनता के बीच सरकार की विश्वसनीयता बढ़ी है।हमारे मेनिफेस्टो के अनुसार समाज का विस्तृत क्षेत्र कवर होता है। यह सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट है,एक ही बजट में सभी गारंटी को शामिल करना संभव नहीं है लेकिन उसके लिए आधार बनाया जा सकता है। हमें अपनी गारंटीयों को प्राथमिकता देना है। स्थानीय नगर निकाय चुनाव यहां गैर दलगत आधार पर होना है। हम सरकार के समक्ष दलगत चुनाव कराने हेतु अपनी मांगों को रखेंगे। अगर गैर दलगत आधार पर चुनाव होते हैं तो हमें सचेत रहना है,विचारों के अनुसार हमें ऐसे लोगों का समर्थन करना है जो कांग्रेस विचारधारा के हो। हमें ऐसा मेकैनिज्म तैयार करना है जिससे हम अधिकांश सिटे जीते,खास कर हमें अपना ध्यान वहां केंद्रित करना है जहां हम विधानसभा लोकसभा लड़े लेकिन जीत नहीं पाए।
सभी के विचारों से अवगत होने के बाद श्री केशव महतो कमलेश ने कहा कि विस्थापन आयोग अनुसूचित जाति परिषद जातिगत जनगणना हेतु प्रारंभिक बजट प्रावधान किया जाए, झारखंड में जल संचयन हेतु विशेष रूप से बजट में प्रावधान किया जाए। इन सभी सुझावों को मांगों के रूप में मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा ताकि मुख्यमंत्री इस पर संज्ञान लेकर इस पर उचित निर्णय ले सके। कांग्रेस के मिनिफेस्टो के अनुसार बजट मे प्रावधानों की झलक मिले। बजट विकासोन्मुख हो, समावेशी,हर वर्ग की पसंद, रोजगारपरक हो इसका ध्यान रखना है।
कांग्रेस विधायक दल नेता श्री प्रदीप यादव ने कहा कि हमारे मेनिफेस्टो में कल्याणकारी योजनाएं ज्यादा है। हमें किसानों की योजनाओं पर जोर देने की आवश्यकता है। हमारा राज्य कृषि प्रधान है खनिज की प्रचुरता भले ही है यहां लेकिन कृषि को बढ़ावा देने के लिए पटवन और सिंचाई योजनाओं के लिए छोटी-छोटी योजनाओं पर जोर देकर खेतों तक पानी पहुँचाने जाने का प्रावधान करना है। सरकार की झोली बड़ी करने पर जोर देना होगा। खनन के क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर और पर्यटन के क्षेत्र से जनता पर बिना बोझ दिए आमदनी बढ़ाई जा सकती है। हमसे काम खदानों वाला राज्य उड़ीसा हमसे ज्यादा कमाता है।
विधायक दल के उप नेता श्री राजेश कच्छप ने कहा कि अगर संभव हो तो बजट का आकार बढ़ाया जाए। अगर बजट का आकार बढ़ता है तो पुरानी योजनाओं के साथ नई योजनाएं पूरी की जा सकती हैं।कई ऐसे क्षेत्र हमारे राज्य में है जिससे राजस्व बढ़ सकता है,हमें उन क्षेत्रों को ध्यान में रखकर अपनी योजनाओं को चुनकर बजट मे प्रावधान करना चाहिए।पूंजीगत व्यय पर हमें ज्यादा ध्यान देना होगा, आधारभूत संरचनाओं के निर्माण में हमें अपनी भागीदारी बढ़ानी होगी।
वित्त मंत्री राधाकृष्णन ने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि पार्टी की घोषणाओं को धीरे-धीरे बजट में शामिल करें हमें यह देखना होता है कि राजस्व प्राप्ति का हमारा स्रोत क्या है यह वर्ष चुनावी वर्ष था योजनाओं के क्रियान्वयन और राजस्व वसूली पर असर पड़ा है बावजूद इसके 2019 में भाजपा की सरकार थी और वह वर्ष में चुनावी वर्ष था लेकिन उनसे बेहतर प्रणाम हमारी सरकार के चुनावी वर्ष में है केंद्र में जिसकी सरकार है अगर राज्य में उसकी सरकार नहीं है तो वह केंद्र राजनीतिक कारणो से उस राज्य को पीछे रखता है, इसकी झलक कल पेश हुए केंद्रीय बजट में मिली है। हम अपने संसाधनों को मजबूत बनाने पर जोर दे रहे हैं और लीकेज को रोकने की पूरी कोशिश की जा रही है वृद्धा पेंशन नल जल योजना में भारत सरकार अपना अंशदान नहीं दे रहा है। केंद्र के रवैया को देखते हुए हमें आत्मनिर्भर बनने का प्रयास करना होगा झारखंड को 1300 मिलीलीटर वर्षा जल की आवश्यकता होती है लेकिन 800 से 900 मिलीलीटर हमें वर्षा जल मिलता है वर्षा जल को बचाने की आवश्यकता है बजट में से शामिल किया जाए कि सभी नदियों में 2 वर्षों के भीतर बियर बनाया जाए वरना आने वाले वर्षों में स्थित भयावा हो जाएगी सरकार से संगठन बात करें कि अनुसूचित आयोग का गठन हो जो एक्ट के माध्यम से बनाया जा सकता है।
कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री श्रीमती शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि केंद्र से सहयोग नहीं मिलने बावजूद हमने 2 वर्षों तक कंटीन्जेंसी फंड से केंद्रीय योजनाएं चलाई हैं। केंद्र के रवैयै के कारण कई विकास योजनाएं झारखंड में समय पर पूरी नहीं हो पाती। हमें ऐसा जरूर कुछ करना चाहिए कि अगर केंद्रीय सहायता समय पर प्राप्त न हो सके तो योजनाओं को जनहित में पूरा करने की व्यवस्था हो। अभी राज्य में 19 कोल्ड स्टोरेज है इसे स्थाई रूप से चलाने के लिए बजट के प्रावधान हो नहीं तो इसे पीपीपी मोड में चलाना होगा। कोल्ड स्टोरेज का लाभ हमें अधिकांश लोगों तक पहुंचाना है।
सांसद कालीचरण मुंडा ने कहा कि झारखंड में वन उपज की बहुतायत है। वन पदार्थ की खरीदारी लैंप्स के माध्यम से करने की व्यवस्था करनी चाहिए साल बीज के तेल का कारखाना लगाने की व्यवस्था हो जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
पूर्व वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि सरकार की वित्तीय स्थिति को देखते हुए वृद्ध एवं विकलांग पेंशन की राशि बढ़ाने की दिशा में विचार करने की आवश्यकता है। योजनाओं को लागू करने की दिशा में कड़ाई बरतनी होगी ताकि योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट न चढ़े और ससमय पूरा हो, भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई हो ताकि वित्तीय अनियमितता न हो सके।
पूर्व मंत्री के एन त्रिपाठी ने कहा कि हमें राजस्व को बढ़ाने की दिशा में कार्य करना होगा। राजस्व की हानि जहां से हो रही है उसे बंद करने का प्रयास करना चाहिए। उत्पाद बालू के क्षेत्र में लीकेज रोकने से राजस्व में बढ़ोतरी होगी। सिंचाई के क्षेत्र में काम करने की आवश्यकता है बजट में सिंचाई, कृषि,ग्रामीण विकास के बजट बढ़ाने की जरूरत है।
पूर्व सांसद प्रदीप कुमार बालमुचू ने कहा कि हमें सरकार के समक्ष न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाकर बातें रखनी चाहिए। हमें केंद्र के पास योजनाएं बनाकर भेजनी होगी जो पूरी तरह केंद्र के पैसे से चलती हैं। अधिकारियों को इसके लिए जवाबदेह बनाया जाना चाहिए क्योंकि कई बार केंद्र का बहाना यह होता है कि हमारे पास योजनाएं बनकर नहीं आती। हम अपने हिस्से का काम करें तो केंद्र के खिलाफ हम आंदोलन भी कर सकते हैं।
बेरमो विधायक अनूप सिंह ने कहा कि रघुवर सरकार के समय में लैंड बैंक बनाकर जीएम लैंड ले लिया गया। जीएम लैंड के अधिग्रहण के बाद जमीन के उत्तराधिकारियों को नौकरी मिलती थी जो आज नहीं मिल पा रहा है, हमें कोशिश करनी चाहिए कि इसके निराकरण के लिए हम इसे प्राथमिकता सूची में रखें। यदुवंशी समाज के लिए बजट मे प्रावधान हो, गोपालन करने वाले लोगों पर भी हमें ध्यान देना होगा। हमें क्लस्टर के अनुसार गोबर गैस प्लांट बैठाने की योजना बनानी चाहिए और इसमें गोपालन करने वालों एवं यादव समाज को प्राथमिकता देनी चाहिए।
कांके विधायक सुरेश बैठने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अगर कोई उद्यम लगाना चाहते हैं तो उन्हें उसमें सहायता देनी चाहिए और इसके लिए बजट में प्रावधान होना चाहिए हमें छात्र-छात्राओं के लिए निशुल्क कोचिंग खोलना होगा और शिक्षा के स्तर को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा के बजट में भी इस के लिए प्रावधान करना होगा। निजी विद्यालयों के छात्रों के लिए भी साइकिलों का प्रावधान हो। जिन संस्थानो में आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्ति होती है उसमें शत प्रतिशत झारखंड के लोगों की बहाली होनी चाहिए, झारखंड में काम कर रहे आउटसोर्सिंग कंपनियों की कमान हरियाणा पंजाब चंडीगढ़ में बैठे लोगों के हाथों में होती है इस पर अंकुश लगना चाहिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय ने कहा कि हमें शहरी विकास पर फोकस करना होगा। अगर हमें किसानो की कमाई बढ़ानी है तो खाद्य प्रसंस्करण उद्योग पर अपना ध्यान केंद्रित करना होगा इसके लिए एक मजबूत पॉलिसी बनानी होगी। खनिज संपदा के मामले में एक उन्नत पॉलिसी बननी चाहिए खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना पर बजट में जोर देना होगा और उसका क्रियान्वयन करना होगा।
नमन विक्सल कौनगाड़ी ने कहा कि पेसा नियमावली के लिए बजट प्रावधान की आवश्यकता है, इसे गंभीरता से लेकर स्वशासन के प्रमुख के वेतन और प्रशिक्षण के लिए बजट हो। जनजातीय भाषा के शिक्षकों को बहाल करने हेतु बजट में व्यवस्था करनी चाहिए। झालको आत्मा आरटीडीए जैसे संस्थानों को मजबूत बनाने हेतु बजट में प्रावधान किया जाए ताकि ग्रामीण क्षेत्र का विकास हो।
विधायक ममता देवी ने कहा कि मनरेगा मजदूरी दर को बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जाए इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्वावलंबन मजबूत होगा, पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय के गठन की बात सरकार के सामने रखी जाए।
पूर्व मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग कारखाने में सब्सिडी देने की व्यवस्था बजट में होनी चाहिए ताकि हमारे किसानों को इसका सीधा लाभ मिल सके और उनकी उपज का उन्हें उचित मूल्य मिले। कृषि पशुपालन मछली पालन के क्षेत्र के लिए अत्यधिक बजट की प्रावधान हो।
पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि अधूरी योजनाओं को पूर्ण करने के लिए बजट मे प्रावधान किया जाना चाहिए। आदिवासी अल्पसंख्यकों के यथा टीसीडीसी,टीआरआइ अल्पसंख्यक वित्त आयोग आदि के संचालन हेतु बजट प्रावधान करना चाहिए। विधायकों द्वारा अनुसंसित राशि को बढ़ाने की दिशा में कार्य करना चाहिए। जनजातीय भाषाओं के प्रचार प्रसार,संरक्षण हेतु बजट में प्रावधान करना चाहिए।
पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने कहा कि बजट में सिंचाई पर जोर देना होगा प्रखंडवार कोल्ड स्टोरेज का निर्माण होना चाहिए। संथाल परगना क्षेत्र मे महाविद्यालय की स्थापना के लिए जमीन के कानून के मामले में छूट का प्रावधान हो।
बैठक में निशत अलम श्वेता सिंह भूषण बाड़ा धीरज प्रसाद साहू राज राजेंद्र प्रताप देव जयप्रकाश गुप्ता जेपी भाई पटेल जेपी गुप्ता राजेश रंजन अंबा प्रसाद गीताश्री उरांव बादल पत्रलेख योगेंद्र साहू ने भी अपने विचार रखें।
बैठक में रविंद्र सिंह राकेश सिन्हा सतीश पॉल मुजनी सोनाल शांति रियाज अंसारी गजेंद्र सिंह अभिलाष साहू राजन वर्मा भी उपस्थित थे।
दूसरी पाली की बैठक में रविंद्र सिंह राजीव रंजन प्रसाद जयशंकर पाठक ज्योति सिंह मथारू शमशेर आलम कुमार गौरव अमूल्य नीरज खलको प्रशांत पांडे संजय कुमार मंजूर अहमद अंसारी अमरेंद्र सिंह अजय दुबे’ सुलतान अहमद, ब्रेजेंद् प्रसाद सिंह राजेश गुप्ता बिनय सिन्हा दीपु बलजीत सिंह बेदी, आशिक अंसारी, चंद्रशेखर शुक्ला, बिनोद कुशवाहा, रमा खलख़ो, ज्योति सिंह ,कुमार गौरव, जयशंकर पाठक किशोर शाहदेव कमल ठाकुर रमाश्रय प्रसाद राकेश सिन्हा शकील अख्तर अंसारी’ कुमार राजा डॉ राकेश किरण महतो, मंजूर अंसारी, शमशेर आलम’ नेली नाथन, गुंजन सिंह, प्रमोद दुबे’ आदि कई प्रमुख कांग्रेस नेता शामिल हुए

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