शिवानंद ने अपनी ही पार्टी राजद में उठाया सुधाकर पर कार्रवाई की मांग

पटना : बिहार के पूर्व मंत्री व राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह को लेकर महागठबंधन में रार और तेज हो गई है। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष के बाद अब राजद के ही वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिवानद तिवारी ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ राजद विधायक सुधाकर के बयान महागठबंधन की एकता के लिए अत्यन्त घातक बताया है और उन पर कार्रवाई करने को कहा हैं।
शिवानंद तिवारी ने कहा है कि गठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल सबसे बड़ी पार्टी है, अतः गठबंधन को चलाने की सबसे अहम जवाबदेही उसके कंधो पर है। ऐसा लगता है कि सुधाकर जी ने जान बूझकर गठबंधन को तोड़ने के मकसद से इस तरह का बयान दिया है। यह सबको मालूम है इसके पहले सुधाकर सिंह भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रूप में चुनाव लड़ चुके हैं। भाजपा के नेतृत्व के साथ भी इनका घनिष्ट संबंध रहा है। यहां तक कि एक आरोप में जब सुधाकर भभुआ जेल में बंद थे तो स्वयं उन्होंने ही बताया है कि सुशील मोदी उनसे वहां मिलने गए थे।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में हुए पार्टी के सम्मेलन में एक प्रस्ताव के जरिए पार्टी के संवैधानिक मामले में फैसला लेने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधायक दल के नेता तथा उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को ही अधिकृत किया गया है। संयोग है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाहर हैं। ऐसी परिस्थिति में दोनों की अनुपस्थिति में सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष ही ऐसे अहम मामले में आधिकारिक रूप से कोई बात बोल सकते हैं।
उन्होंने कहा कि एक विधायक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने में प्रदेश अध्यक्ष को संवैधानिक अधिकार न भी हो तो भी अपनी अनुशंसा दोनों अधिकृत नेताओं को वे भेज कर मामले की गंभीरता को सहज बना सकते हैं। व्यक्तिगत रूप से जगता भाई से मैं अनुरोध करूंगा संकट को टालने के लिए उन्हें कदम उठाना चाहिए।

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