3 सेमी छोटी पीपल की पत्तियों पर सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने उकेरी मजदूरों के संघर्ष की दास्तान

भागलपुर। मजदूर दिवस, जिसे अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस के रूप में हर साल 1 मई को मनाया जाता है, दुनियाभर में मजदूरों के अधिकारों और उनके योगदान को याद करने के लिए समर्पित है। इस अवसर पर देश के चर्चित अंतरराष्ट्रीय सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र कुमार ने मजदूरों के सम्मान में एक अनोखी कलाकृति बनाई है। इस कलाकृति को तैयार करने में उन्हें लगभग पाँच घंटे का समय लगा।

मधुरेंद्र ने दुनिया की सबसे छोटी मात्र 3 सेमी की पीपल की हरी पत्तियों पर, नुकीली चाकू की तेज धार से काटकर, मजदूरों के हितों के लिए किए गए संघर्ष और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता की एक प्रेरणादायक तस्वीर उकेरी है। यह कलाकृति उन मजदूर भाइयों के प्रति एक सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने देशहित में अपने प्राणों की आहुति दी।

इस विशेष कला को लोग खूब सराह रहे हैं और अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर साझा कर रहे हैं। सैंड आर्टिस्ट मधुरेंद्र ने मीडिया को बताया कि मजदूर दिवस पर बनाई गई ये कलाकृति हमें मजदूरों के अधिकारों के प्रति जागरूक करती है और उनके प्रति सम्मान व समर्थन की भावना को प्रकट करती है। यह दिन हमें मजदूरों के योगदान को याद रखने और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करने की प्रेरणा देता है, क्योंकि मजदूरों के बिना दुनिया का कोई भी जटिल कार्य संभव नहीं हो सकता।

उल्लेखनीय है कि भारत में मजदूर दिवस की शुरुआत 1 मई 1923 को चेन्नई में हुई थी। यह दिन श्रमिक आंदोलनों से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो मजदूरों के संघर्ष और प्रयासों को मान्यता देने हेतु मनाया जाता है।

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