राजद का आदिवासी सम्मेलन मील का पत्थर साबित होगा: जगदानन्द

पटना :बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के राज्य कार्यालय में राजद अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ की ओर से अदिवासी सम्मेलन अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सत्येन्द्र शाह गोंड की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर रानी दुर्गावती के शहादत दिवस पर उनको नमन करते हुए नेताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित की और उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण किया।
इस अवसर पर पूर्व विधायक स्वीटी सीमा हेम्ब्रम ने आदिवासी समुदाय को मिले मान-सम्मान के प्रति लालू प्रसाद और तेजस्वी प्रसाद यादव का आभार प्रकट किया और कहा कि प्रदेश अध्यक्ष ने अनुसूचित जनजाति को अलग से संगठन में स्थान देकर पार्टी के अन्दर आदिवासी समुदाय की बातों को मजबूती प्रदान की। कार्यक्रम का संचालन आनंद लकड़ा ने किया।
सम्मेलन में प्रस्ताव के माध्यम से निम्नलिखित मांगे रखी गई:-

  • बिहार राज्य में अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत किये जाने।
  • अनुसूचित जनजाति समुदाय का प्रतिनिधित्व विधान परिषद में हो।
    *पटना में आदिवासी समुदायिक भवन का निर्माण किया जाय।
    *विश्व आदिवासी दिवस 09 अगस्त को अन्य राज्यों की भांति बिहार में भी अवकाश घोषित किया जाय।
    प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने कहा कि पहली बार अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ ने आदिवासी सम्मेलन कराकर लोगों के बीच बिहार में यह संदेश दिया है कि जो मान-सम्मान और अधिकार आदिवासी समुदाय को देने का काम किया है, उसे आदिवासी समाज कभी नहीं भूल सकता है।
    इन्होंने आगे कहा कि हर संघर्ष, आन्दोलन में आदिवासी समाज के मान-सम्मान के लिए राष्ट्रीय जनता दल सहभागी बनेगा। इन्होंने आगे कहा कि आदिवासी समाज अपनी संस्कृति और जंगल को बचाने में जो योगदान दिया है उसे मजबूती देने के लिए हमसभी को इनके साथ मिलकर काम करना होगा। मंत्री तेज प्रताप यादव ने कहा कि आदिवासी समुदाय अपने मेहनत और बल पर समाज के बीच पहचान बनाता है और निःस्वार्थ भाव से पार्टी के साथ जुड़कर जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत किया जा रहा है।
    इन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन सरकार वन और पर्यावरण के प्रति पूरी तरह से सजग है और इसके लिए पेड़ों की रक्षा तथा पेड़ लगाने का निरंतर अभियान चल रहा है। पर्यावरण की रक्षा में आदिवासी समुदाय का बहुत बड़ा योगदान है। इन्होंने कहा कि केन्द्र की सरकार आदिवासियों के हक और अधिकार को छिनने का प्रयास कर रही है और उनके साथ सौतेलेपन का व्यवहार कर रही है जो स्पष्ट रूप से दिख रहा है। इन्होंने कहा कि लालू प्रसाद अब पूरी तरह से फिट हो गये हैं इसलिए भाजपा खेमे में बौखलाहट और घबराहट है क्योंकि लालू जी ने हमेशा गरीब और आदिवासी को मान-सम्मान दिया है।
    इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय नारायण चैधरी ने कहा कि दिल्ली के हुकूमत हिन्दुत्व के नाम पर आदिवासियों का अधिकार छिनना चाहती है और आदिवासियों की पहचान मिटाने के लिए वनवासी नाम से लोगों के बीच कार्य कर रही है। इसके लिए हमसभी को आदिवासियों के साथ मजबूती के साथ खड़ा होना होगा।
    राष्ट्रीय महासचिव जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि लालू जी, तेजस्वी जी ने हमेशा आदिवासी समुदाय को आगे बढ़ाने के प्रति अपनी सोच को आगे रखा है। जब लालू जी सत्ता में थे तो तिलकामांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर और सिद्धु कान्हू विश्वविद्यालय, दुमका की स्थापना की और आदिवासियों को शिक्षा और शिक्षित होने के प्रति चेतना विकसित की।
    राष्ट्रीय महासचिव डाॅ कांति सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद ने आदिवासी समुदाय और उनके विरासत को सम्मान देने के लिए पटना में बिरसा मुडा की प्रतिमा स्थापित की, जो हमेशा इस समाज की संस्कृति और विरासत को मजबूती के लिए बिहार वासियों को पे्ररणा देता है।
    राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने कहा कि मूल निवासी और आदिवासी का अधिकार छिनने का लगातार प्रयास चल रहा है। इसके लिए लालू जी के विचारों के साथ हमें आगे बढ़कर उनके हक और अधिकार की रक्षा के लिए कार्य करना होगा।
    भोला यादव ने कहा कि लालू प्रसाद ने गरीबों और आदिवासी समुदाय को जो स्वर दिया उसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है और इसके लिए राष्ट्रीय जनता दल के आर्थिक न्याय की अवधारणा को सरजमीन पर पहुंचाने के लिए आदिवासी समुदाय के बीच संगठन के माध्यम से पहुंच रहा है।
    इस अवसर पर विधायक भूदेव चैधरी, राष्ट्रीय महासचिव बिनू यादव, राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध कुमार मेहता, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, बल्ली यादव, डाॅ0 उर्मिला ठाकुर, सारिका पासवान, अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार साधु, संजय ठाकुर, प्रमोद कुमार राम, खुर्शीद आलम सिद्दिकी, गुलाम रब्बानी, उपेन्द्र चन्द्रवंशी सहित अन्य गणमान्य नेतागण उपस्थित थे।
    इस अवसर पर सम्मेलन का संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया गया और नेताओं का आदिवासी समाज की ओर से परम्परागत रूप से हाथ धुलाई और उनका पगड़ी बांधकर स्वागत किया गया।
    प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने बताया कि सभी नेताओं की उपस्थिति में दीप प्रज्जवलित कर आदिवासी सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन किया गया और नेताओं का आदिवासी परम्परा के अनुसार हाथ धुलाया गया और पगड़ी बांधकर आदिवासी समुदाय की ओर से सम्मान किया गया।

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