हेमन्त सरकार में राजद बंधुआ मजदूर, बोर्ड, निगम,आयोग में जगह नहीं देकर दिखाया ठेंगा:कैलाश यादव
रांची: राजद लोकतांत्रिक के कार्यकारी अध्यक्ष कैलाश यादव ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि महागठबंधन सरकार के मुखिया CM हेमंत सोरेन द्वारा राज्य समन्वय समिति एवं बोर्ड निगम/आयोग में राजद को अनदेखी कर सिर्फ कांग्रेस, जेएमएम के कई नेताओं/कार्यकर्ताओं को विशेष महत्व देकर पद नियुक्ति करने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त किया है .
यादव ने कहा विदित है की विगत विधानसभा 2019 चुनाव के दरम्यान राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के सघन प्रयास से सामान्य विचार धारा वाले धर्मनिरपेक्ष दल जेएमएम, कांग्रेस,राजद का संयुक्त रूप से राज्य में एक मजबूत महागठबंधन के रूप में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली लोकप्रिय सरकार का गठन हुआ था .
लेकिन जब से हेमन्त सोरेन सरकार के राज्य के मुख्यमंत्री बने प्रारंभ से हीं विपरीत व्यवहार प्रस्तुत कर बहुसंख्यक जमात की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को बराबर अनदेखी करना शुरू कर दिए और वहीं सहयोगी कांग्रेस पार्टी को तमाम स्थानों में विशेष सम्मान देने का काम करते रहे हैं ! तीन पार्टियों के सहयोग से चल रही सरकार में एक दल को नजरंदाज कर कार्य करना कुशल राजनैतिक व्यवहार का परिचय नही है !
यादव ने कहा की राजद लालू प्रसाद यादव की पार्टी है जिनका मूल उद्देश्य गांव गरीब किसान मजदूर और दलित शोषित पीड़ित अल्पसंख्यक एवं वंचित समाज के लोगो का मौलिक अधिकार के साथ समुचित विकास करना था ! लेकिन वर्तमान परिस्थिति में राजद की आलस भरी नकारात्मक कार्यशैली से राज्य में दिन पे दिन अपना मौलिक अस्तित्व मिटाने की ओर दिख रहा है ! क्योंकि कई बाते साफ तौर पर उजागर है कि जनहित का सवाल हो, पार्टी कार्यकर्ताओं को लाभकारी योजनाओं तक पहुंच से दूर रहने का सवाल हो, तमाम विषयों पर राज्य में नेताओं की चुप्पी साधना कहीं ना कहीं स्पष्ट दिखता है कि नेताओं का राजनैतिक इच्छा शक्ति खत्म हो चुका है जिस कारण पार्टी का सामाजिक समीकरण खतरे में है .
राज्य में राजद को मानने वाले लोगो का कहना है कि सरकार में शामिल रहने के बावजूद पार्टी में सिर्फ कागजी संगठन चल रहा है जमीनी स्तर पर कुछ विशेष कार्य नहीं दिख रहा है, सिर्फ पटना या दिल्ली से आने वाले नेताओं के कारण कुछ औपचारिकताएं पूरी कर बैठकें होती है ! नेताओं के कमजोर पकड़ होने के चलते जनसरोकार के विषय पर सरकार से पार्टी के हिस्से की बात नही हो रहा है, प्रखण्ड एवं शहरी क्षेत्रों में प्रशासनिक पदस्थापना तथा लाभवंतित सुविधाओ से वंचित होने एवं क्षेत्रवार जनसमस्याओं के विषय को लेकर अबतक हर जगह मुंह की खानी पड़ी है.
सर्व विदित है की राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने सामाजिक न्याय को जगाने का मजबूत काम किया है उन्होंने वंचित पिछड़े समाज के लिए सदैव आवाज बुलंद कर देशभर में करोड़ों चाहने वालों के लिए एक प्रणेता के रूप में अपनी मजबूत पहचान बनाई है , उनके द्वारा स्पष्ट संदेश दिया गया कि पार्टी का विचारधारा और नीति सिद्धांत गरीबों एवं कमजोर तबके लोगो के लिए कार्य करना है, राजद का मूल भावना लोगो के पक्ष में हों तथा जनहित के सवाल पर संघर्ष करना मुख्य धारा रहा है .
लेकिन वर्तमान परिस्थिति में झारखंड में एक मजबूत जमात वाली राजद पार्टी का जमीनी स्तर पर अस्तित्व लगातार समाप्त हो रहा है कार्यकर्ता बिल्कुल मायूस हो गए हैं और इधर उधर भटक रहे है तथा नेतागण लाचार होकर घर बैठे हुए हैं राजनीति के नाम पर सिर्फ औपचारिकताएं पूरी कर रहे हैं, अगर यही स्थिति जारी रहा तो निश्चित रूप से राज्य में पार्टी समाप्ति की ओर चले जाएगी और सामाजिक न्याय का पतन हो जायेगा.
यादव ने कहा की राजद लोकतांत्रिक पार्टी को पुनर्जीवित कर संगठन का जल्द विस्तार किया जाएगा तथा राज्य में विभिन्न ज्वलंत मुद्दों को लेकर पार्टी सड़क पर उतरेगी.ओबीसी आरक्षण, शुद्ध पेयजल, सिंचाई, विस्थापन, बेरोजगारी, नियुक्ति नियमावली,निजी स्कूलों एवं अस्पतालों के मनमानी के खिलाफ ठोस रणनीति बनाने सहित राज्यहित में तमाम बुनियादी सवालों को लेकर अगले 10 जुलाई को पार्टी नेताओं कार्यकर्ताओं की बैठक कर एक बड़ी लकीर खींचने का फैसला लिया जाएगा.