स्थानीय नीति और नियोजन नीति लागू करने का अधिकार राज्य सरकार को ,फिर क्यों 9वीं अनुसूची का बहाना बना रही हेमंत सरकार:दीपक प्रकाश
रांची :भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम सांसद दीपक प्रकाश ने हेमंत सरकार की नई स्थानीय और नियोजन नीति को लटकाने ,भटकाने और अटकाने वाला विधेयक बताया।
श्री प्रकाश ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी राज्य गठन के पूर्व से ही जन भावनाओं के साथ खड़ी है। स्व अटल बिहारी वाजपाई एवम लालकृष्ण आडवाणी जी के नेतृत्व में झारखंड राज्य का गठन हुआ। भाजपा ने अलग राज्य के सपनो को साकार किया जबकि आज के सत्ताधारी दलों ने कैसे अलग राज्य के आंदोलन को बदनाम किया, बेचा और खरीदा यह जनता जानती है।
उन्होंने कहा कि आज भ्रष्टाचार में आकंठ डुबी सरकार, आरोपों से घिरे मुख्यमंत्री एवम उनके कुनबे को32महीनो के बाद 1932के खतियान की याद आ गई।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने फिर एकबार राज्य की जनता को दिग्भ्रमित किया है। इनकी मंशा साफ नही है। ये सिर्फ दिखावा करना चाहते हैं। इनके नियत में खोट है।
स्थानीय नीति और नियोजन नीति बनाने ,लागू करने का पूरा अधिकार राज्य सरकार को
श्री प्रकाश ने कहा कि राज्य सरकार को स्थानीय नीति,नियोजन नीति बनाने, लागू करने का पूरा अधिकार भारत के संविधान ने दिया है,फिर 9वीं अनुसूची की बहानेबाजी क्यों?
उन्होंने कहा कि इसी से यह स्पष्ट हो चुका है कि हेमंत सोरेन सरकार की मंशा साफ नही है। ये इसे लटकाना, भटकाना और अटकाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि जैसे भाजपा की पूर्व सरकार ने संकल्प के आधार पर स्थानीय नीति और नियोजन नीति को परिभाषित करते हुए लागू किया था उसी तर्ज पर हेमंत सरकार भी बहाने बाजी छोड़ स्थानीय नीति और नियोजन नीति लागू करे।
दलित समाज का नही किया उल्लेख
श्री प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार का आदिवासी,दलित,पिछड़ा विरोधी चेहरा उजागर हो चुका है।
कहा कि विधेयक में अनुसूचित जाति का उल्लेख तक नहीं है। ऐसे ही अपनी परंपरा संस्कृति का पालन करने वाला जनजाति समाज विकास की बाट जोह रहा है।
श्री प्रकाश ने पूछा कि मुख्यमंत्री बताएं कि उनके मंत्रिमंडल में हो,मुंडा,आदिम जनजाति समाज के कितने लोग हैं?
पिछड़ा विरोधी कांग्रेस ने 10साल दबाया मंडल कमीशन रिपोर्ट, पिछड़ा आयोग को नहीं दिया संवैधानिक अधिकार
श्री प्रकाश ने कहा कि आज जिस कांग्रेस की गोद में बैठकर हेमंत सोरेन जी सरकार चला रहे वही कांग्रेस ने 10वर्षों तक मंडल कमीशन रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक अधिकार नहीं दिया था। आज ये लोग पिछड़ों की हितैषी बनने का नाटक कर रहे।
उन्होंने कहा कि पिछड़ों के आरक्षण संबंधी बिल भी दिखावा है।
कहा कि राज्य सरकार को यदि पिछड़ों की इतनी ही चिंता थी तो फिर बिना आरक्षण दिए पंचायत चुनाव क्यों कराए गए,और अब नगर निकाय चुनाव कराने की भी बात बिना आरक्षण के ही हो रही। आखिर यह कैसी सोच है। स्पष्ट है कि राज्य सरकार की नियत और नीति दोनो में खोट है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया। आज केंद्रीय मंत्रिमंडल में सर्वाधिक मंत्री पिछड़ा समाज के हैं।
कहा कि भाजपा जो कहती है वही करती है।