मेरी नजर में आरक्षण का मतलब सत्ता में हिस्सेदारी से है : डॉ रामेश्वर उरांव
रांची : झारखण्ड प्रदेश ओबीसी उत्थान समिति ने 27 प्रतिशत आरक्षण पिछड़ा वर्ग को देने के लिए राज्य वासियों की ओर से राज्य सरकार को धन्यवाद दिया एवं आभार प्रकट किया।
झारखण्ड विधानसभागार हॉल में आयोजित आभार सम्मेलन में झारखण्ड सरकार के वित्त मंत्री एवं ओबीसी समाज की आवाज डा.रामेश्वर उरांव को 51 किलो का माला प्रदान कर उनके माध्यम से झारखंड सरकार को धन्यवाद दिया।
इसके पूर्व डा.रामेश्वर उरांव, ओबीसी उत्थान समिति के मुख्य संरक्षक आलोक कुमार दूबे, संयोजक लाल किशोर नाथ शाहदेव, अध्यक्ष डा.राजेश गुप्ता छोटू, अरविन्द कुमार महतो,शंकर साहू, अभिषेक साहू, फिरोज रिजवी मुन्ना, संजीत यादव,कुमुद रंजन,प्रदीप साहू ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर आभार सम्मेलन का उद्घाटन किया।
सूबे के वित्त मंत्री सह वरिष्ठ कांग्रेस नेता डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि जॉब में आरक्षण देने का काम तब तक सफ़ल नहीं हो सकता, जब तक शिक्षा में आरक्षण नहीं मिलता है. उन्होंने कहा कि उनके नज़र में आरक्षण का मतलब सत्ता में हिस्सेदारी है. डॉ रामेश्वर उरांव बुधवार को झारखंड प्रदेश ओबीसी उत्थान समिति के द्वारा पुराने विधान सभा परिसर में आयोजित आभार सम्मेलन कार्यक्रम में बोल रहे थे. यह सम्मेलन ओबीसी वर्ग के आरक्षण की सीमा 14 से 27 प्रतिशत करने के उपलक्ष्य में की गई थी. डॉ रामेश्वर ने कहा, हमारी सरकार ने पिछले कई वर्षों से वंचित ओबीसी वर्ग के अधिकार को वापस दिलाने का काम किया है।
आयोजन समिति के मुख्य संरक्षक आलोक कुमार दूबे ने कहा, राज्य में ओबीसी वर्ग पिछले 22 वर्षों से अपने अधिकार से वंचित रहे हैं. आज जब हमारी सरकार ने ओबीसी आरक्षण की सीमा बढ़ाने का काम किया तो पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा के पेट में दर्द हो रहा है. हकीकत यही है कि आज हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य के इस वंचित वर्ग को उनका हक देने का काम किया है. इस काम में झारखंड की राजनीति को नई दिशा देने वाले सूबे के मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव का विशेष जोर रहा है. ऐसा नहीं है कि हेमंत सोरेन सरकार केवल ओबीसी वर्ग के हित में काम कर रही है, बल्कि सरकार का जोर सभी वर्गो पर है. आदिवासियों के लाए सरना धर्म कोड का प्रस्ताव इसका जीता जागता उदाहरण है. आलोक दूबे ने कहा कि अब जरूरी है कि हेमंत सोरेन सरकार विधान सभा का विशेष सत्र बुलाकर ओबीसी वर्ग के आरक्षण की सीमा बढ़ा कर 27 प्रतिशत करने के लाए विधेयक को पास करने का काम करें. इसके अलावा सरकार राज्य में जातिगत जनगणना करने की दिशा में भी कदम बढ़ाने की मांग की.
ओबीसी उत्थान समिति के अध्यक्ष डॉ. राजेश गुप्ता छोटू ने कहा, ओबीसी वर्ग द्वारा आरक्षण की सीमा को बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग लंबे समय से की जा रही थी. पिछड़ा वर्ग आयोग ने भी माना था कि झारखण्ड में पिछड़े वर्ग की आबादी 55 प्रतिशत हैं. लेकिन आबादी के अनुरूप इस वर्ग को उसका अधिकार नहीं मिल रहा है. राज्य में साढ़े सोलह साल सत्ता का सुख भोग चुकी भाजपा ने इस वर्ग को हासिये में ही रखा. यहाँ तक की बाबूलाल मरांडी सरकार ने आरक्षण की सीमा को 27 से घटा कर 14 प्रतिशत कर दिया गया. वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सह सूबे के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने ओबीसी आरक्षण का दायरा बढ़ाने का काम किया, इसके लिए ओबीसी उत्थान समिति इन्हें विशेष तौर पर धन्यवाद देती है।
आयोजन समिति के संयोजक लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि लम्बे संघर्ष के बाद ओबीसी को उनका अधिकार मिलने जा रहा है, ऐसे में भाजपा के नेताओं का आलोचना करना स्वाभाविक है।उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता ने 12 सांसद बीजेपी को दिया, माननीय सांसद को चाहिए कि राज्य का अधिकार केंद्र की सरकार से दिलाने का प्रयास करना चाहिए। शाहदेन ने भाजपा से पूछा है कि सरना धर्म कोड, जातिगत गणना पर केंद्र की सरकार से माननीय प्रधानमंत्री से क्यों नहीं प्रयास करते हैं। सच तो यह है कि भारतीय जनता पार्टी ने ओबीसी को ठगने का काम किया है जिसका जवाब आने वाले 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।
आभार सम्मेलन को संबोधित करने वालों में मुख्य रूप से अरविंद कुमार महतो, शंकर साहू, अभिषेक साहू, संजीत यादव, फिरोज रिजवी मुन्ना, संजय प्रसाद,कैलाश कुमार महतो, मजीद अंसारी,अल्ताफ हुसैन अंसारी, कुमुद रंजन थे।