न्यायालयों में आधारभूत संरचना बढ़ाने की राजेश शुक्ल ने राज्य सरकार से किया आग्रह

झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन और वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राजेश कुमार शुक्ल ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव श्री सुखदेव सिंह को ई मेल भेजकर राज्य के सभी स्तर के न्यायालयों में आधारभूत संरचना बढ़ाने का आग्रह किया है।

श्री शुक्ल जो अखिल भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के राष्ट्रीय महामंत्री भी है ने लिखा है कि राज्य के कई जिला और अनुमंडल न्यायालयों में न तो बेहतर आधारभूत संरचना है न ही अधिवक्ताओं और मुवक्किलो को बैठने की बेहतर व्यवस्था सुलभ है। यहा तक कि इस भीषण गर्मी में शुद्ध पीने के पानी भी उपलब्ध नही है।

श्री शुक्ल ने लिखा है कि चांडिल, चक्रधरपुर, सरायकेला, चाईबासा ,खूंटी जमशेदपुर पुराना कोर्ट सहित पलामू और संथालपरगना में भी आधारभूत संरचना का घोर अभाव है जिस पर राज्य सरकार को ध्यान देना चाहिए।

श्री शुक्ल ने मुख्य सचिव को लिखा है कि प्रत्येक स्तर के न्यायालयों में और बार एसोसिएशनो में प्राथमिक उपचार केन्द्र की व्यवस्था अवश्य कराई जानी चाहिए ताकि अधिवक्ता या मुवक्किल यदि आचानक बीमार पड़े तो उसका समुचित इलाज हो सके ,आपातकालीन स्थिति में उनकी जान प्राण की रक्षा हो सके।

श्री शुक्ल ने कहा है न्यायालय परिसर में ,डाकघर, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, और जन सुविधा, तथा बैंक की व्यवस्था अवश्य रहनी चाहिए ताकि अधिवक्ताओं और मुवकिल न्यायालय परिसर से ही अपना कार्य निष्पादित कर सके। मुवक्किलो को भी बैठने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए।

श्री शुक्ल ने लिखा है जमशेदपुर जिला न्यायालय में कुछ सुविधा सुलभ है लेकिन वह भी पर्याप्त नही है उसे बढ़ाने की जरूरत है। वही श्री शुक्ल ने लिखा है कि अधिवक्ताओं का भी स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान रहा है और आज भी समाज मे व्याप्त चुनौतियों के समाधान में वे अग्रणी भूमिका निभाते है लेकिन उनको सुविधा देने के नाम से राज्य सरकार भागती है। कोविड 19 में जो अधिवक्ता हमसे सदा के लिए बिछुड़ गए उनके लिए राज्य सरकार ने न तो कोई आर्थिक पैकेज दिया और न ही उनके परिजनों का ख्याल रखा।

श्री शुक्ल ने लिखा है अधिवक्ता वेलफेयर टिकट के करोड़ो करोड़ रुपये सभी जिला और अनुमंडल कोषागारों में पड़े है जिसको बिना बिलम्ब के राज्य सरकार को एडवोकेट वेलफेयर ट्रस्टी कमिटी को विमुक्त करना चाहिए ताकि अधिवक्ताओं के डेथ क्लेम और, पेंशन तथा युवा अधिवक्ताओं के प्रोत्साहन राशि को नियमित किया जा सके।

श्री शुक्ल ने लिखा है कि दिल्ली, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए राज्य सरकारें निधि का आवंटन करती है लेकिन झारखंड में कौंसिल द्वारा लगातार आग्रह और मांग के बाद भी सरकार ने अभी तक कोई बजट में प्रावधान नही बनाया।

श्री शुक्ल ने ई मेल की प्रति झारखंड के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और भारत सरकार के विधि और न्याय मंत्री को भी भेजा है तथा न्यायालयों, बार भवनों में आधारभूत संरचना बढ़ाने का आग्रह किया है । श्री शुक्ल ने कहा है कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे है ऐसे में न्यायालयों, बार भवनों, और न्यायालय परिसरों में तो बेहतर आधारभूत संरचना रहनी चाहिए। ताकि इस क्षेत्र मे भी अच्छी छवि दूसरे देश ,प्रदेश में बने।

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