युवाओं को नशे की गिरफ्त से निकालना है बाहर: राहुल पुरवार

रांची:उच्च शिक्षा एवं तकनीकी विभाग के प्रधान सचिव राहुल पुरवार ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की सोच है कि झारखंड को नशामुक्त करना है और इस दिशा में तेजी से कार्य प्रारंभ भी कर दिया गया है। इसी के मद्देनजर ये प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जा रहा है । विभिन्न विभागों के मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है कि कैसे वे अपने – अपने जिले में जाकर समन्वय स्थापित करते हुए लोगों को जागरूक करेंगे और बताएंगे कि नशा के दुष्प्रभाव क्या-क्या हैं। हमें झारखंड के युवाओं को नशा के गिरफ़्त से उन्हें बाहर निकालना होगा। वे बुधवार को डोरंडा स्थित शौर्य सभागार में चल रहे निषिद्ध मादक पदार्थों के दुरुपयोग को रोकने हेतु मास्टर ट्रेनर के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन ड्रग एब्यूज अवेयरनेस प्रशिक्षण कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। दूसरे दिन उत्तरी छोटानगपुर प्रमंडल के विभिन्न विभागों के मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया गया जिसमें पुलिस विभाग के भी अधिकारी मौजूद रहे ।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो,रांची के इंटेलिजेंस ऑफिसर श्री कुमार मनोहर मंजुल ने कहा कि यूथ अफीम , कोकीन , हेरोइन ,गांजा ,कफ सिरप ,व्हाइटनर ,डेंड्राइट आदि अन्य मादक पदार्थों के सेवन से वे अपनी जिंदगी को बर्बाद कर रहे हैं। हमें अपने रोल को समझना होगा । लोगों में ,युवाओं में ड्रग्स के सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में उन्हें जागरूक करना होगा । न्यू ट्रेंड ऑफ़ ड्रग्स को समझना होगा कि आख़िर युवा किन माध्यमों और विभिन्न दवाओं के मिश्रण कर उसे ड्रग्स (नशा) के रूप में उपयोग में लाते हैं और उन्हें उनके इस्तेमाल से होने वाले नुक़सान के बारे में बताना होगा । कुमार मनोहर मंजुल ने बताया कि ड्रग्स एडिक्शन की रोकथाम के लिए हमें इनोवेटिव मेथड अपनाने होंगे । राज्य के शहरी क्षेत्रों में सिंथेटिक ड्रग्स (कफ सिरप ,नेल पेंट की स्मेल ,डेंड्राइट,व्हाइटनर) आदि का चलन ज़्यादा है। उन्होंने खूँटी जिला का जिक्र करते हुए कहा कि खूँटी में अफ़ीम की खेती के हानिकारक तत्व के बारे जिला प्रशासन द्वारा जानकारी दी जा रही है और अफ़ीम की खेती की रोकथाम हेतु आवश्यक कदम उठाए गए गए हैं । उन्हें जानकारी दी जा रही है कि अफ़ीम की खेती गैरकानूनी है,खेती के अन्य विकल्प को तलाशें और दूसरी फसलों की खेती करें। प्रशासन द्वारा लोगों को सरसों ,दाल के बीज मुफ्त में दिए जा रहे हैं, जो जिला प्रशासन द्वारा सराहनीय कदम है । हमें इसी तरह के इन्शिएटिव लेने होंगे । उन्होंने पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से ड्रग्स के दुष्प्रभाव ,ड्रग्स लेने के कारण , टाइप्स ऑफ़ ड्रग्स के बारे में विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला ।

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