झारखंड की राजनीतिः आग इधर भी लगी है उधर भी, एक तरफ झांव -झांव तो दूसरी तरफ कांव-कांव

झारखंड में कहीं एमपी और कर्नाटक की तरह पटकथा लिखने की तैयारी तो नहीं
रांचीः झारखंड में हीट वेब के साथ सियासी तापमान भी बढ़ता ही जा रहा है। आग इधर भी लगी है और उधर भी। एक तरफ झांव झांव हैं तो दूसरी तरफ कांव-कांव। महागठबंधन में शामिल दोनों ही दलों झामुमो और कांग्रेस के अंदर असंतोष की ज्वाला धधक रही है। राजनीतिक गलियारों में अब चर्चा यह भी हो रही है कि कहीं झारखंड में मध्य प्रदेश और कर्नाटक की तरह पठकथा लिखी तो नहीं जा रही है। झामुमो के दो विधायक लोबिन हेंब्रम और सीता सोरेन ने बगावती रूख अखित्यार कर रखा है। सीता सोरेन ने चतरा के टंडवा स्थित आम्रपाली परियोजना में बरती जा रही अनियमितता को लेकर सीता सोरेन ने राज्यपाल से लेकर राष्ट्रपति तक को ज्ञापन सौंपा। राष्ट्रपति भवन ने सीता सोरेन की शिकायत पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया गया है. वहीं बजट सत्र के दौरान सदन में नहीं बोलने देने का आरोप लगाने का बाद अब लोबिन हेम्ब्रम ने हेमंत सरकार के खिलाफ ही जनसभा करने का फैसला किया. लोबिन हेम्ब्रम झारखंड में स्थानीय नीति, खतियान आधारित नियोजन नीति, सीएनटी एक्ट, पेसा कानून की मांग उठा रहे हैं. । दूसरी तरफ कांग्रेस को लगता है कि झामुमो के नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उसे दरकिनार कर दिया है.
कांग्रेस में भी कांव-कांव
झारखंड कांग्रेस में भी कांव-कांव हो रहा है। पार्टी के अंदर असंतोष की बातें सामने आ रही हैं. कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने मंत्री बन्ना गुप्ता पर सवाल खड़े किए हैं. इरफान ने बीजेपी के साथ बन्ना गुप्ता की कथित बढ़ती नजदीकियों पर सवाल उठाया है. वहीं पार्टी के चार विधायक बगावत पर उतर आए हैं. इरफान का दावा है कि नौ विधायक नाराज हैं और सभी विधायकों ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलने का समय मांगा है.
हालांकि बजट सत्र के दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने सीधे-सीधे बीजेपी पर आरोप लगया था कि वह उनकी सरकार को गिराने की साजिश रच रही है. हैं. हालांकि, झारखंड में विधायकों के आंकड़े को देखें तो हेमंत सरकार को फिलहाल किसी तरह का कोई सियासी संकट नहीं है, लेकिन अगर इस तरह से जेएमएम और कांग्रेस के विधायक बागवती तेवर अपनाए रखा और अन्य कुछ विधायक इसी राह पर कदम बढ़ाते हैं तो हेमंत सोरेन के लिए चिंता बढ़ सकती है.

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