बिहार में फिर जाति जनगणना की पॉलिटिक्स
गणादेश ब्यूरो
पटना: नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की मुलाकात के बाद से जातीय जनगणना पर नेताओं के बोल सख्त होने लगे हैं।
राजद नेता कह रहे हैं कि तेजस्वी ने जातिगत जनगणना पर दो टूक बात कर मुख्यमंत्री को जल्द सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए बाध्य कर दिया है। राजद इसे अपनी जीत के तौर पर देख रहा है तथा अपने समर्थकों को यह समझा पा रहा है कि एनडीए को जातिगत जनगणना करानी ही होगी।
दूसरी तरफ एनडीए खासकर जदयू के नेता इस बात से खुश हैं कि जातिगत जनगणना शुरू से जदयू का एजेंडा रहा है और इसका पूरा क्रेडिट भी जदयू को ही मिलेगा। बहुत सारे लोग इसे आरक्षण पार्ट टू कह रहे हैं।राजद और जदयू भी इस बात को बखूबी समझ रहा है कि जब जातिगत जनगणना होगी और उसके आंकड़े निकलेंगे तो बिहार में राजनीति नए तरीके से परिभाषित होगी, जिसमें सबसे ज्यादा दिक्कत भाजपा को होनी है क्योंकि भाजपा ने ही जातिगत जनगणना को ना कहा है।