खूंटी शहर के लोगों को इस साल भी निर्बाध तरीके से जलापूर्ति का नहीं मिल सकेगा लाभ !
खूंटी : गर्मी के दस्तक देने के साथ ही शहर में शुद्ध पेयजल आपूर्ति की समस्या उत्पन्न होने की संभावना बढ़ गई है। बीते 2018 में करीब 59.4 करोड़ की लागत से शहरी पाइपलाइन जलापूर्ति योजना का शुभारंभ किया गया था. दो साल के लिए इसके निर्माण का इकरारनामा था.लेकिन जिस गति से इसका निर्माण कार्य हो रहा है,ऐसा प्रतीत होता है कि अगले साल भी शहर के लोगों को पाइपलाइन के माध्यम से शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हो सकेगा. खूंटी नगर पंचायत क्षेत्र में आगामी 40 वर्षों के बाद होने वाले आबादी को पर्याप्त पानी उपलब्ध हो सके, इसे ध्यान में रखकर तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा के प्रयास से रघुवर सरकार ने विश्व बैंक संपोषित योजना शुरू की थी. वर्ष 2018 में तत्कालीन नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने इस योजना का शिलान्यास किया था. योजनाओं को लेकर विधायक ने उपायुक्त के अलावा नगर पंचायत अध्यक्ष अर्जुन पाहन और कार्यपालक पदाधिकारी, कंपनी के अधिकारियों को फटकार भी लगा चुके हैं. लेकिन कंपनी की कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं हो रहा है. इस महत्वपूर्ण योजना में एक नया फिल्टेशन प्लांट शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग क्षमता के तीन नए जल मीनार का निर्माण कराना है. साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में पाइप लाइन बिछाने है. जुडको की देखभाल में चल रही इस महत्वकांक्षी योजना का काम तमिलनाडु के श्रीराम ईपीसी नामक निर्माण कंपनी को सौंपा गया है. जलापूर्ति योजना का कार्य कर रही कंपनी को दो दो बार अवधि विस्तार भी दिया गया है. लेकिन इसका कोई फलाफल नजर नहीं आ रहा है.