मल्टी सुपर स्पेशियलिटी के साथ कैंसर सेंटर के रूप में जाना जायेगा पारस हॉस्पिटल रांची

रांची: पारस हॉस्पिटल एचइसी में अब एक ही छत के नीचे कैंसर से जुड़ी सभी बीमारियों का इलाज होगा। आगामी 14 अप्रैल दिन सोमवार को रेडिएशन ऑन्कोलॉजी और पैट स्कैन की सुविधा प्रारंभ हो रही है। इसके साथ ही हॉस्पिटल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी के माध्यम से जांच से लेकर इलाज तक अब मरीजों को एक ही छत के नीचे मिलेगा।
पारस हॉस्पिटल एचइसी के हेड एवं नेक सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ मदन गुप्ता ने कहा कि कैंसर के इलाज में सर्जरी, कीमेथेरेपी और रेडियेशन की जरूरत होती है। पारस हॉस्पिटल में अब इन तीनों तकनीक से मरीजों का इलाज होगा। वहीं, कैंसर के जांच में पेट स्कैन का रोल महत्वपूर्ण होता है। पेट स्कैन ऑन्कोलॉजी का एक हिस्सा है। इससे पता चलता है कि मरीज का इलाज किया जा रहा है, तो कितना लाभ पहुंच रहा है। इन सभी सुविधाओं के होने से अब मरीजों को बड़े बडे़ शहर नहीं जाना पड़ेगा। पारस हॉस्पिटल में ही एक ही छत के नीचे इलाज होगा। मल्टी सुपर स्पेशियलिटी के साथ ही साथ कैंसर सेंटर के रूप में पारस हॉस्पिटल जाना जायेगा। इस सेंटर के खुलने से झारखंडवासियों के लिए एक बड़ा लैंडमार्क बनेगा। डॉ गुप्ता ने कहा कि पारस हॉस्पिटल में कैंसर से संबंधित सभी प्रकार की सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है। ब्रेन कैंसर की भी सर्जरी हो रही है। कैंसर के इलाज में आज भी ऑपरेशन ही सबसे बड़ा और कारगर उपचार है।

पारस हॉस्पिटल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ निशांत भारद्वाज ने कहा कि पारस हॉस्पिटल एचइसी में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी और पेट स्कैन की शुरूआत होने जा रही है। अब पारस हॉस्पिटल पूरी तरह से ऑन्कोलॉजी सेंटर बन जाने से कैंसर के मरीजों को इसका सम्पूर्ण लाभ मिलेगा। अब यहां कैंसर का इलाज कराना सुलभ और आसान होगा। पेट स्कैन की मदद से कैंसर की पहचान कर जल्द से जल्द इलाज प्रारंभ कर सकते हैं। झारखंड में पेट स्कैन मशीन बहुत ही कम है। हॉस्पिटल में पेट स्कैन मशीन के शुभारंभ से इसका लाभ मरीजों को मिलने लगेगा। डॉ भारद्वाज ने कहा कि कैंसर के उपचार में सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी शामिल हैं। इसके साथ कैंसर कॉम्प्रिहेंसिव सेंटर के रूप में यह काम करने करने लगेगा। कैंसर के फैलाव न होने पर सर्जरी द्वारा कैंसर वाले हिस्से को निकाल दिया जाता है। कीमोथेरेपी में, कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है रेडिएशन थेरेपी में, कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए विकिरण का इस्तेमाल किया जाता है। रेडियोथेरेपी से इलाज करना पुरी तरह सुरक्षित है। इसमें साइड इफेक्ट बहुत ही कम होते हैं।

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