झारखंड की पंचायतों को मिलेगा नया जीवन: दीपिका सिंह पांडेय
रांची। झारखंड की पंचायती राज मंत्री बुधवार को रांची में आयोजित “बात भारत की – विकसित पंचायत फॉर विकसित भारत” कार्यक्रम में शामिल हुईं। इस अवसर पर उन्होंने झारखंड में ग्रामीण सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सुधार और स्थानीय शासन में नवाचार को लेकर सरकार की प्रतिबद्धताओं को विस्तार से साझा किया।
मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “झारखंड सरकार जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए पूरी तरह समर्पित है। पंचायतें लोकतंत्र की असली ताक़त हैं और यदि पंचायतें बदलेंगी तो देश बदलेगा। हमारा उद्देश्य है कि हर पंचायत फ़ाइलेरिया मुक्त हो, हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य और सुविधा मिले और पंचायतें विकास की मिसाल बनें।”
उन्होंने बताया कि बीते एक वर्ष में मुखिया और पंचायती राज संस्थानों के सदस्यों को सशक्त बनाने के लिए कई प्रशिक्षण कार्यक्रम, एक्सपोजर विजिट और कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं। केरल, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों की सफल ग्रामीण नीतियों को देखने का अवसर देकर झारखंड के प्रतिनिधियों को नई दृष्टि दी गई है।
इस प्रयास में पिरामल फाउंडेशन का उल्लेखनीय योगदान रहा है। IIM बोधगया से लेकर झारखंड के सुदूर जिलों तक, स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण के क्षेत्र में पिरामल फाउंडेशन की Aspirational Bharat Collaborative (ABC) टीम ने व्यापक समर्थन दिया है। उनके सहयोग से अब तक 400 से अधिक मुखिया लाभान्वित हुए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर लिम्फेटिक फाइलेरिया और कालाजार जैसी बीमारियों के उन्मूलन के लिए की गई पहल की भी सराहना की गई। पीवीटीजी जिलों में शिक्षा और सामाजिक समावेश को लेकर पिरामल फाउंडेशन के साथ किए गए कार्यों का ज़िक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि “यह साझेदारी शिक्षा, स्वास्थ्य और समावेशी विकास को पंचायत नेतृत्व से जोड़ने का बेहतरीन उदाहरण है।”
पंचायती राज दिवस की पूर्व संध्या पर मंत्री ने पिरामल फाउंडेशन और सभी PRI सदस्यों को बधाई देते हुए कहा, “आपके सहयोगात्मक प्रयासों ने झारखंड की पंचायतों को नई दिशा दी है। हम मिलकर एक ऐसा झारखंड बना रहे हैं जहाँ हर गाँव आत्मनिर्भर और विकासशील हो।”

