सॉलिड एवं लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट विषय पर आधारित कार्यशाला का आयोजन
लातेहार: टाउन हॉल में सॉलिड एवं लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएलआरएम) विषय पर आधारित कार्यशाला का आयोजन किया गया।इस दौरान उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता, भारतीय हरित सेवा के परियोजना निदेशक, सलाहकार सी. श्रीनिवासन, जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती पूनम देवी, अपर समाहर्ता रामा रविदास, सिविल सर्जन डॉ अवधेश कुमार सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी लातेहार अजय कुमार रजक, जिला परिषद सदस्य, जिला स्तरीय पदाधिकारियों, गणमान्य व्यक्तियों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित का कार्यशाला का शुभारंभ किया गया।
आयोजित इस कार्यशाला में सॉलिड एवं लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
सॉलिड एण्ड लिक्विड रिसोर्स मैनेजमेंट पर आयोजित कार्यशाला में परियोजना निदेशक, सलाहकार सी श्रीनिवासन के द्वारा अवांछित ठोस और तरल पदार्थों के उपचार और पुनर्चक्रण के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक प्रकाश डाला गया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारा लक्ष्य लातेहार जिला को एक शून्य-अपशिष्ट बनाने और भविष्य के पर्यावरणीय प्रशिक्षकों का निर्माण करने की दिशा में काम करना है। कार्यशाला में सी. श्रीनिवास ने डॉक्युमेंटरी फिल्म के द्वारा इंटिग्रेटेड सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट रिसोर्स मैनेजमेंट प्रणाली की जानकारी विस्तृत रूप दी और प्रश्नों के उत्तर दिए। कार्यशाला में उन्होंने बताया कि उद्यान अपशिष्ट (जैसे सूखे पत्ते), मछली बाजार अपशिष्ट, सब्जी अपशिष्ट, द्वितीयक पृथक्करण शेड, एक मवेशी शेड और दो या तीन बायो-गैस संयंत्र प्राथमिक पृथक्करण स्रोत पर किया जाता है, जबकि द्वितीयक पृथक्करण एसएलआरएम केंद्रों पर किया जाता है। तृतीयक पृथक्करण एक सामान्य केंद्र पर किया जाता है।
पर्यावरण प्रदूषण के कारण जिले अंतर्गत कचरा जमा होने की समस्या को वैज्ञानिक ठोस स्थापित करके हल किया जा सकता है। आगे उन्होंने जिले अंतर्गत तरल संसाधन प्रबंधन (एसएलआरएम) केंद्र बनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यशाला में कचरा प्रबंधन की वैज्ञानिक व व्यवहारिक पहलुओं को समझाने के बाद जिले की बेहतरी हेतु इस प्रक्रिया को अपनाने की बात कही गई।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण के दृष्टिगत हमें ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन की तकनीकी विधि को अपनाने की जरूरत है। जिले को स्वच्छ व हरा-भरा बनाए रखने के लिए पर्यावरण अनुकूल विधियों व प्रक्रियाओं पर बल देने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी से कचरा प्रबन्धन की प्रक्रिया अपनाते हुए जिला, गांव, पंचायत को साफ-सुथरा बनाने की बात कही।
मौके पर जिला परिषद सदस्य, प्रखंड प्रमुख, जिला स्तरीय पदाधिकारी, प्रखंड लातेहार, मनिका , सरयू के मुखिया ,पंचायत सचिव, पर्यावरण कार्यकर्ता, समाजसेवी , समेत अन्य उपस्थित थे।
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